Bundi: प्रदेश में चिकित्सकों की हड़ताल के चलते बूंदी सामान्य अस्पताल में भी हालात बिगड़े हुए नजर आए. प्रातः एक मीटिंग के दौरान अस्पताल पहुंचे बूंदी जिला कलेक्टर डॉक्टर रविन्द्र गोस्वामी ने पैर में फ्रेक्चर होने के बावजूद  ट्रॉमा सेंटर व इमरजेंसी में मरीजों का उपचार कर मानवता की मिसाल पेश की है. 


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आईएएस में चयन होने से पहले चिकित्सक रह चुके जिला कलेक्टर ने अपने पुराने अनुभव और मानव सेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखते हुए अन्य चिकित्सकों के लिए भी एक उदाहरण दिया है. साथ ही अपने प्रशासनिक कार्यों का निर्वहन करते हुए दोहरी जिम्मेदारी को कर्तव्यनिष्ठा से निभाया.
 
वर्तमान में चिकित्सकों की हड़ताल के दौरान आमजन को इलाज में किसी तरह की परेशानी नहीं हो, इसके लिए सभी वैकल्पिक इंतजाम प्रशासन की ओर से किए गए हैं. मानवता के इस पुनित कार्य में जिला कलक्टर भी पीछे नहीं रहे और सुबह जिला अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर पहुंच गए. इस दौरान यहां मरीज चिकित्सक से इलाज कराने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे. इसके बाद जिला कलेक्टर स्वयं ट्रॉमा सेंटर में सेवाएं देने में जुट गए और सभी मरीजों को उनकी बीमारी के अनुसार दवाइयां लिखी. उन्होंने करीब 50 से अधिक मरीजों को उपचार की सेवाएं उपलब्ध कराई.


इस दौरान जिला कलेक्टर ने कहा कि चिकित्सकों को अपनी बात रखने के साथ ही मरीजों को इलाज में किसी तरह की परेशानी नहीं, इसका भी ख्याल रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि आगे भी जरूरत के अनुसार वह अपनी सेवाएं आमजन को उपलब्ध करवाते रहेंगे. उन्होंने बताया कि चिकित्सक वह हर साल अपने लाईसेंस का नवीनीकरण भी करवाते हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर पीड़ित मानव की सेवा की जा सके. इस दौरान उन्होंने निर्देश दिए कि ओपीडी में आने वाली गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्तियों का प्राथमिकता से उपचार किया जावे.  कलेक्टर द्वारा रोगियों को हड़ताल के दौरान परामर्श दिया गया. इस बात के जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी ट्वीट कर उन्हें बधाई दी है.


 


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