अलवर में राइट टू हेल्थ बिल का असर, मिल्ट्री अस्पताल के डॅाक्टर दे रहे हैं सेवा
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अलवर में राइट टू हेल्थ बिल का असर, मिल्ट्री अस्पताल के डॅाक्टर दे रहे हैं सेवा

Right to Health Bill: राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में प्राइवेट अस्पताल संचालकों और डॉक्टरों की चल रही हड़ताल में आज सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर्स ने भी समर्थन किया है. हड़ताल के कारण सरकारी अस्पताल में  मिल्ट्री अस्पताल और अन्य सेना के  डॅाक्टर सेवा दे रहे हैं.

 

अलवर में राइट टू हेल्थ बिल का असर,  मिल्ट्री अस्पताल के डॅाक्टर दे रहे हैं सेवा

Alwar News: राइट टू हेल्थ विधेयक ( Right to Health Bill) को वापस लेने की मांग कर रहे प्राइवेट अस्पताल संचालकों और डॉक्टरों की चल रही हड़ताल में आज सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर्स ने भी समर्थन करते हुए छुट्टी लेकर हड़ताल पर है,जिससे स्वास्थ्य और आउटडोर सेवाएं बंद है , हालांकि ओपीडी में मरीजों को परेशानी नहीं हो उसके लिए बीस डॉक्टर वैकल्पिक तौर पर लगाए गए है.

अस्पताल ( Hospital) में जो मरीज भर्ती हैं उनको अस्पताल में कार्यरत नर्सिंग कर्मचारी देखभाल करने में लगे हुए हैं. वहीं निजी अस्पताल पिछले 12 दिन से बंद हैं और निजी अस्पताल में इलाज नहीं हो रहा है अब सरकारी डॉक्टर भी हड़ताल में कूद गए हैं. प्रशासन ने सेना और ईएसआईसी कॉलेज और आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज से मदद मांगी है. बताया जा रहा है कि डॉक्टरों के सामूहिक अवकाश पर जाने के कारण आर्मी , ईएसआईसी , आयुर्वेदिक और होम्योपैथी के डॉक्टर सरकारी अस्पतालों में सेवाएं देने में लगे हुए हैं.

पीएमओ डॉक्टर सुनील चौहान ने बताया कि ईएसआईसी हॉस्पिटल ( ESIC hospital) ,आयुर्वेदिक और मिल्ट्री अस्पताल ( Military Hospital ) के डॉक्टर अपनी सेवाएं अस्पताल में दे रहे हैं. ओपीडी में आने वाले मरीजों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो रही है. लोगों के सामूहिक कार्य बहिष्कार के हालातों से निपटने के लिए अलवर जिला प्रशासन ने सेना , रेलवे , भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल एसएसबी मौजपुर , इटाराना छावनी , हॉस्पिटल और ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को अस्पताल की आउटडोर देखने के लिए पत्र लिखा था और वह डॉक्टर अस्पताल में सेवाएं दे रहे हैं. प्रमुख चिकित्सा अधिकारी ने मरीजों की सुविधाओं के लिए सभी सेंटरों से दो-दो डॉक्टर मांगे हैं.

अस्पताल में पुलिस जाब्ता तैनात
अस्पताल में 24 घंटे इमरजेंसी सेवाओं के लिए मेडिसिन सर्जरी , गायनी, आर्थोपेडिक में शिशु रोग विशेषज्ञ के लिए डॉक्टर मांगे गए हैं और अस्पताल में बढ़ते मरीजों की संख्या को व्यवस्थित करने अप्रिय घटना को रोकने और अस्पताल की व्यवस्था में व्यवधान से निपटने के लिए अस्पताल में अतिरिक्त पुलिस जाब्ता लगाने के लिए भी एसपी को पत्र लिखा गया है और पुलिस जाब्ता भी अस्पताल में लगाया गया है.

जिला अस्पताल में करीब 700 से अधिक बेड
अलवर जिला अस्पताल में करीब 700 से अधिक बेड हैं जहां 575 मई मंगलवार तक भर्ती थे , इधर देखा गया कि पूरा अस्पताल में नर्सिंग कर्मचारी इलाज करते नजर आए. जहां ट्रॉमा सेंटर में एक्सीडेंट के घायलों को नर्सिंग कर्मचारी इलाज करते रहे, महिला अस्पताल में सिजेरियन डिलीवरी केस के लिए सीएमएचओ ऑफिस से महिला डॉक्टर लगाई गई है , नॉर्मल डिलीवरी के लिए महिला नर्सिंग कर्मचारी का सहयोग लिया गया है. वैसे फिलहाल अभी तक डॉक्टरों की हड़ताल का मैसेज लगभग सभी लोगों को लग चुका है लेकिन जिन लोगों को अभी तक डॉक्टर की हड़ताल का मैसेज नहीं लगा वह लोग ही अस्पताल पहुंचे हैं. 

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