देखते ही देखते चरवाहे ने अपनी सैकड़ों भेड़ों को फेंका पुलिया के नीचे, वीडियो वायरल
बूंदी जिले के केशवरायपाटन क्षेत्र में भेड़ चरवाहों का अलग अंदाज देखने को मिला. चरवाहे अपनी भेड़ों को गर्मी से राहत देने और स्वास्थ्य जांच के चलते उन्हें पुलिया से पानी में फेंक कर उनको नलहाते हुए नजर आए.
Keshoraipatan: बूंदी जिले के केशवरायपाटन क्षेत्र में भेड़ चरवाहों का अलग अंदाज देखने को मिला. चरवाहे अपनी भेड़ों को गर्मी से राहत देने और स्वास्थ्य जांच के चलते उन्हें पुलिया से पानी में फेंक कर उनको नलहाते हुए नजर आए. उनका मामना है कि इससे भेड़ें काफी स्वस्थ रहती हैं.
अभी तक हम ''गयी भैंस पानी में'' वाली कहावत सुनते आ रहे हैं. बनते हुए काम के अचानक बिगड़ने पर यह मुहावरा प्रयोग में आता है. यदि कोई भेड़ों के झुंड में से एक-एक करके सबको नदी की धार में फेंकने लगे तो क्या कयास लगाएंगे. यह दृश्य देखकर लोग हैरत में आ गये. आखिर यह क्या माजरा है, जिसंमे नदी के पुल पर झुंड के रूप में खड़ी भेड़ों को एक-एक करके नीचे फेंका जा रहा है.
मजेदार बात यह है कि फेंकी गयी भेड़ें नदी में डुबकी लगाकर किनारे की ओर चल देती हैं. असमंजस भरे इस दृश्य ने बहुत से लोगों को सोचने पर विवश कर दिया. इसी उधेड़बुन में जब इस घटनाक्रम को लेकर सवाल किया तो जवाब सुनकर लोग पहले से ज्यादा अचंभित हुए और चेहरे पर मुस्कान आ गयी. दरअसल यह देशी जुगाड़ है, जिसमें भीषण गर्मी में भेड़ों को ठंडक प्रदान करने के लिए चरवाहे भेड़ों को नदी तालाब के पानी में उतार देते हैं ताकि भेड़े पानी में थोड़ी देर रहकर सुकून महसूस कर लें.
कहां दिखा लोगों को यह रोचक माजरा
अलबत्ता यह माजरा रोटेदा के पास चंबल का है, जिसमें चरवाहों ने भेड़ों को रास्ते से नदी तक ले जाने की जहमत नहीं उठाई बल्कि नदी पर बने चालीस फीट ऊंचे पुल से भेड़ों को फेंकना शुरू कर दिया. नदी में गिरने पर भेड़ें संभलती और किनारे लग जाती. इसी सिलसिले ने लोगों को हैरत में डाल दिया. यह प्राकृतिक उदाहरण है कि भेड़ों के शरीर पर ऊन का कवर रहता है. पानी में डूबने से वह पूरी तरह गीला हो जाता है. इसी के चलते भेड गर्मी में राहत महसूस करती है.
मवेशियों को भी सर्दी गर्मी की परेशानियों से जूझना पड़ता
जैसे ही खेतों से फसल कटने लगती हैं. उस समय भेड़ों के काफिले प्रजनन के लिए क्षेत्र में आ जाते हैं. यहां भेड़ों को खेतों में चराने के बाद यह मध्यप्रदेश की ओर निकल जाते हैं. इसी दौरान यह नजारा बूंदी जिले के केशवरायपाटन विधानसभा के रोटेदा पुल चम्बल नदी पर देखने को मिला, जिससे लगता है कि इंसान को ही सर्दी गर्मी का एहसास नहीं होता. मवेशियों को भी सर्दी गर्मी की परेशानियों से जूझना पड़ता है.
Reporter- Sandeep Vyas
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