Chittorgarh News: रावतभाटा उपखण्ड के लाडपुरा गांव में एक दिव्यांग दंपती के राशन का गेहूं हड़पने के मामलें में एक राशन डीलर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुए है. इस मामलें में बड़ी बात यह है कि आरोपी राशन डीलर राजनैतिक रसूख रखने की वजह से रसद विभाग की ओर से जांच में दोषी पाए जाने के बावजूद उसकी डीलरशिप जारी है. वहीं शिकायत से खफा राशन डीलर ने दिव्यांग पति-पत्नी को पिछले पांच सालों में एक बार भी राशन के गेहूं तक नहीं दिए.


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दिव्यांग पीड़ित का राशन हजम कर गया
पीड़ित दिव्यांग सत्यामित्रानंद ने बताया कि वो एक पैर से पोलियोग्रस्त है. जबकि उसकी पत्नी सुनीता शर्मा दोनों पैरों से पोलियोग्रस्त है. दिव्यांग दंपती का 11 और 9 साल का बेटा है. गांव में छोटी सी चाय की दुकान से परिवार का गुजर बसर हो रहा है. आस्था कार्ड बनवाने के बावजूद साल 2016 से लेकर उसे अब तक एक बार भी राशन के गेहूं नहीं मिले.


5 साल में एक बार भी नहीं दिया गेहूं का दाना
मामलें में जानकारी देते हुए उसने बताया कि साल 2016 में गांव के राशन डीलर शैतानलाल धाकड़ के पास राशन के गेहूं लेने गया, लेकिन राशन डीलर ने उसके राशनकार्ड पर गेहूं नहीं मिलने की बात कहते हुए उसे टरका दिया. इस पर सत्यामित्रानंद गांव के ही एक ईमित्र पर गया और ऑनलाइन जानकारी में दो बार 40-40 किलोग्राम गेहूं राशन डीलर की ओर से उठाने की बात पता चली.


दुर्गालाल धाकड़ को गिरफ्तारी वारंट से तलब किया
इस पर दिव्यांग सत्यामित्रानंद ने राशन डीलर को उसकी करतूत की सजा दिलवाने के लिए 20 सितंबर 2017 को रावतभाटा कोर्ट में परिवाद पेश कर उसके खिलाफ रावतभाटा थाने में मुकदमा दर्ज करवाया. हालांकि पुलिस ने भी इस केस में एफआर लगा मामलें को रफा-दफा कर दिया. इसके बावजूद दिव्यांग ने हिम्मत नहीं हारी और प्रोटेस्ट प्रार्थना पत्र के जरिए एफआर खुलवा न्यायालय से मामलें की जांच करावाई. गवाहों के बयान और सुनवाई के पश्चात रावतभाटा एसीजेएम कोर्ट ने 6 जुलाई 2020 को आरोपी राशन डीलर शैतानलाल धाकड़ पुत्र दुर्गालाल धाकड़ को गिरफ्तारी वारंट से तलब किया, लेकिन राशन डीलर इस आदेश के विरुद्ध अपर सेशन कोर्ट में चला गया. जिससे उसकी गिरफ्तारी टल गई.


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पेनल्टी लगाने के बाद तीन महीने के लिए डीलरशिप निरस्त
इसके बाद अब अपर सेशन कोर्ट बेगूं की ओर से भी पूर्व में जारी एसीजेएम कोर्ट के आदेशों को सही मानते हुए आरोपी राशन डीलर के गिरफ्तारी वारंट से तलब करने के आदेश जारी किए. वहीं दूसरी ओर रसद विभाग की ओर से इस मामलें में साल 2017 में न्यायालय रसद अधिकारी चित्तौड़गढ़ ने राजस्थान खाद्यान्न एवं आवश्यक पदार्थ वितरण नियम के तहत मामलें में सुनवाई करते हुए राशन डीलर को एक हजार रुपए की पेनल्टी लगाई और तीन महीने के लिए उसकी डीलरशिप निरस्त कर दी. इसके बाद फिर से उसे बहाल कर दिया.


वो आगामी महीनों में दोबारा से राशन डीलर के पास गेहूं लेने गया. इस पर राशन डीलर ने कोर्ट में चल रहे मामलें में राजीनामा करने के बाद ही उसे गेहूं देने की बात कहते हुए दुकान से भगा दिया. इसके बाद दिव्यांग ने रसद विभाग, जिला कलेक्टर को दर्जनों शिकायत पत्र लिखे, लेकिन दिव्यांग की सुनवाई नहीं हुई.


Reporter- Deepak Vyas