सांवलियाजी:  मेवाड़ के सुप्रसिद्ध कृष्णधाम सांवलियाजी में भगवान श्री सांवलिया सेठ के तीन दिवसीय विशाल जलझूलनी एकादशी मेले के मुख्य दिन एकादशी को श्री सांवलियाजी मंदिर मंडल के द्वारा मण्डफिया सांवलियाजी बाईपास के पास पार्किंग स्थल में बने हुए पांडाल परिसर में आयोजित विशाल भजन संध्या बुधवार तड़के तक चली. जिसमें लाखों की संख्या में मौजूद श्रृद्धालुओं ने भजन संध्या का जमकर आनंद लिया. भजन संध्या में सर्वप्रथम कच्छ गुजरात की प्रसिद्ध भजन गायिका गीता रेबारी ने गुरु व गणपति वंदना के साथ इस विशाल भजन संध्या का आगाज किया. 


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गायिका गीता रेबारी ने सांवरियो है सेठ- म्हारी राधाजी तो सेठानी है..मीठे रस से भरीयोड़ी राधारानी लागे.., अईया आंख ना दिखावों थाने पाप लागे.. शेरमां शेरमां रे किस्मत की गाड़ी चाले टोप गेरमां रे.. सहित कई अन्य भजन, राजस्थानी, गुजराती, हिन्दी तथा देशभक्ति गीत प्रस्तुत किए. गीता रेबारी के भजन प्रस्तुत करने के दौरान श्रोताओं से भरा पांडाल जयकारों के साथ गुंज उठा.


मध्य रात्रि बाद बालोतरा मारवाड़ के प्रसिद्ध भजन गायक कलाकार प्रकाश माली ने पंहुचकर गुरु व गणपति वंदना से भजन संध्या की दूसरी पारी का शुभारंभ किया. प्रकाश माली ने किर्तन की है रात सांवरा आज थाने आणों है.., जो वादा किया वो निभाना पड़ेगा- भक्त पुकारें तो तुम्हें आना पड़ेगा, सांवलिया सेठ देदे मण्डफिया का मालिक देदे.., शिव तांडव स्तोत्र.., वो महाराणा प्रताप कठे.., हरे घास री रोटी.. सहित विभिन्न भजन और देशभक्ति गीत प्रस्तुत किए. गायक कलाकार प्रकाश माली और गायक कलाकारा गीता रेबारी की जुगलबंदी में प्रस्तुत किए भजनों की धुन पर श्रोता झूम-झूम कर नाचे. भजन संध्या प्रातः 5 बजे तक चली.


Reprter- Deepak Vyas


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