Chittorgarh: गांधी नगर स्थित गौशाला में लंपी वायरस से ग्रस्त 3 गौवंश मिला. मेवाड़ गौरक्षा युवा वाहिनी के जिलाध्यक्ष विकास सैनी ने बताया है कि पशु चिकित्सकों का हमसे कहना था कि यहां इस ओर चितौड़गढ़ की सारी गौशालाओं के अंदर सभी गौवंश को वैक्सिनेशन किया जा चुका है गौवंश को वैक्सिनेशन होने के 21 दिन बाद उन्हें लंपी से कोई खतरा नहीं है. अब जब चित्तौड़गढ़ की सभी गौशालाओं में वैक्सीनेशन हुए एक महीने से ऊपर हो गया है फिर भी शहर की गौशालाओं में गौवंश का संक्रमित पाया जाना वैक्सीनेशन की प्रक्रिया या फिर वैक्सीन की गुणवत्ता पर सवालियां निशान उठा रहा है या तो यभी गौवंश को वैक्सिनेशन नहीं किया गया या फिर लगाया गया वैक्सीन इन्हें लंपी वायरस से बचाने में कारगर सिद्ध नहीं हो पा रहा है.


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ऐसे में चित्तौड़गढ़ शहर के बाहर बने कचरा संग्रहण यार्ड के पास ही लंपी ग्रसित गौवंश का आयसोलेशन सेंटर बना होना और लंपी से ग्रसित गौवंश को ऐसी जगह पर आयसोलेशन में रखा गया है जहां पर पहले से मक्खी मच्छरों की भरमार है. ऐसे में इन्हीं मक्खी मच्छरों के माध्यम से अगर यह वायरस तेजी से फैल भी रहा है तो इसमें पशु चिकित्सालय और जिला प्रशासन की अनदेखी से भी इंकार नहीं किया जा सकता. गंगरार के सुधरी गांव में मेवाड़ गोरक्षा युवा वाहिनी के सदस्यों ने पहली लंपी वायरस से ग्रस्त गौवंश का अंतिम संस्कार किया गया है. ऐसे में जिला प्रशासन को अब तो जाग ही जाना चाहिए.


Reporter- Deepak Vyas


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