Sardarshahr: चूरू के सरदारशहर स्थित बाबैल चौक के पास स्कूल वैन व कार में भीषण टक्कर. जो अभिभावक अपने बच्चों को चौधरी एचआर स्कूल में भेजते हैं, उनको एक बार इस क्षतिग्रस्त स्कूल वैन की तस्वीर जरूर देखनी चाहिए. बता दें कि यह हादसा महज एक संयोग नहीं था, बल्कि शराब के नशे में धुत स्कूली वैन ड्राइवर और स्कूल प्रशासन की लगातार लापरवाही का नतीजा था. शनिवार दोपहर को चौधरी एचआर स्कूल की छुट्टी होने के बाद शराब के नशे में धुत ड्राइवर 16 बच्चों को स्कूल वैन में बिठाकर बच्चों को उनके गांव छोड़ने के लिए रवाना हो गया और कुछ दूर चलने के बाद मेगा हाईवे पर स्कूल वैन सामने से आ रही कार से टकरा गई. जिसके बाद मौके पर बच्चों की चीख पुकार मच गई.


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इस दौरान वहां पर मौजूद लोग आनन-फानन में बच्चों को स्कूल वैन से निकालकर अस्पताल के ले गए. घटना की सूचना जब शहर में गश्त कर रहे एसआई रामप्रताप गोदारा को  मिली तो वह मौके पर पहुंचे और नशे में धुत स्कूल ड्राइवर को हिरासत में लिया. एसआई रामप्रताप गोदारा ने रविवार को जानकारी देते हुए बताया कि जैसे ही उनको हादसे की सूचना मिली वे तुरंत मौके पर पहुंचे और वहां जाकर देखा तो स्कूल वैन का चालक पूरी तरह से नशे में धुत था, अगर पुलिस मौके पर नहीं पहुंचती तो आक्रोशित भीड़ स्कूल वैन के चालक के साथ मारपीट कर किसी घटना को अंजाम दे सकती थी.


एसआई रामप्रताप गोदारा ने बताया कि स्कूल वैन के चालक के नशे में होने के कारण यह हादसा हुआ और गनीमत रही कि वैन में सवार किसी भी बच्चे को गंभीर चोट नहीं आई. वहीं उन्होंने बताया कि चूरु निवासी कार चालक इस्माइल खां कायमखानी द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर छतिग्रस्त स्कूल वैन को जब्त कर पुलिस थाने लाया जा चुका है. स्कूल ड्राइवर का राजकीय अस्पताल में मेडिकल करवाने पर डॉक्टरों द्वारा ड्राइवर के नशे में होने की पुष्टि की गई है. एसआई रामप्रताप गोदारा ने बताया कि स्कूल वैन ड्राइवर ने अधिक शराब पी रखी थी, जिसके कारण उसको राजकीय अस्पताल में भर्ती करवाया गया. उन्होंने बताया कि इस मामले में स्कूल संस्थान की भी बड़ी गलती है, यह बच्चों की जान जोखिम में डालने वाली बात है, ड्राइवर को चेक करके भेजना चाहिए और ऐसे ड्राइवर को रखना भी नहीं चाहिए.


घटना के बाद स्कूल संचालक को भी हिदायत दी है कि इस तरह की गलती दोबारा न दोहराई जाए. वहीं ऐसे मामले में अब अभिभावकों को भी जागने की जरूरत है, अभिभावक अपने बच्चों को पढ़ाने और स्कूल द्वारा चलाए जा रहे वाहन के लिए भारी भरकम फीस भरते हैं. अगर उसके बाद में स्कूल संचालक द्वारा इस प्रकार की गलतियां की जाती है, तो निश्चित ही अभिभावकों को ऐसे स्कूल संचालकों के खिलाफ कार्रवाई करवानी चाहिए. वहीं हादसे के बाद अस्पताल पहुंचे बच्चों के अभिभावकों का कहना था कि इस स्कूल ड्राइवर की लगातार स्कूल प्रशासन को शिकायत की गई थी, लेकिन स्कूल प्रशासन लगातार इस ड्राइवर के खिलाफ लापरवाही बरतता रहा, जिसके कारण यह हादसा हुआ.


वहीं स्कूल प्रशासन की लापरवाही हादसे के बाद भी देखने को मिली, परिजनों का कहना था कि जब स्कूल प्रशासन को बच्चों के लेट होने का कारण पूछा गया तो स्कूल प्रशासन द्वारा कहा गया कि स्कूल वैन अलग रास्ते से आने के कारण बच्चों को लेट हो रही है. स्कूल प्रशासन द्वारा बच्चों के परिजनों को हादसे की जानकारी तक नहीं दी गई, अस्पताल में घायल बच्चों ने अस्पताल में मौजूद व्यक्तियों के फोन लेकर अपने परिजनों को हादसे की जानकारी दी, जिसके बाद रोते बिलखते हुए परिजन राजकिय अस्पताल पहुंचे. स्कूल प्रशासन की लापरवाही की हद तब पार हो गई जब हादसे के बाद स्कूल प्रशासन का कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति घायल बच्चों की सुध लेने राजकीय अस्पताल नहीं पहुंचा. इस बात को लेकर अस्पताल में मौजूद बच्चों के परिजनों में आक्रोश भी देखने को मिला. अब देखने वाली बात यह है कि इतना बड़ा हादसा होने के बाद क्या परिजन अपने बच्चों को चौधरी एचआर स्कूल में वापस भेजते हैं या फिर स्कूल प्रशासन के खिलाफ कोई कार्रवाई करते हैं. फिलहाल पुलिस मामला दर्ज होने के बाद मामले की जांच में जुट गई है.


Reporter - Gopal Kanwar


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