Dausa BY Election 2024: राजस्थान के दौसा की प्रसिद्ध डोवठा मिठाई का इतिहास बहुत पुराना है, जो राजा-रजवाड़ों के समय से बनती चली आ रही है. यह मिठाई अपने अनोखे स्वाद और बनावट के कारण लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है. इसी बीच राजस्थान उपचुनाव में भी डोवठा मिठाई का अलग ही चलन है. दौसा की जनरल सीट पर  SC-ST प्रत्याशियों में चुनाव में जीत का परचम लहराने के बाद राजस्थान की प्रसिद्ध डोवठा मिठाई खिलाना भी अपने आप में अलग ही बात है.  अब देखना ये है कि उपचुनाव में जीत का झंडा गाढ़ने के बाद SC-ST प्रत्याशियों में से कौन दौसा की नामी और प्रसिद्ध डोवठा मिठाई खिलाएगा.


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दौसा विधानसभा सीट राजस्थान के उपचुनावों में एक महत्वपूर्ण सीट बन गई है. यहां भाजपा ने जगमोहन मीणा, डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के भाई को अपना प्रत्याशी बनाया है, जबकि कांग्रेस ने दीनदयाल बैरवा (डीसी) को मैदान में उतारा है. दौसा में डीसी बैरवा की पहचान मजबूत है, और उनके समर्थन में सांसद मुरारीलाल मीणा और सचिन पायलट हैं. दूसरी ओर, जगमोहन मीणा के पीछे किरोड़ीलाल मीणा और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का समर्थन है. यह सामान्य सीट पर आरक्षित वर्ग के प्रत्याशियों के बीच एक दिलचस्प मुकाबला होगा. अब देखना ये होगा कि इस सीट पर जीत को परचम कौनसी पार्टी लहराएगी और साथ ही  दौसा की प्रसिद्ध डोवठा मिठाई  खिलाकर जीत का जश्न मनाएगी...



राजस्थान के आगामी विधानसभा उपचुनाव के लिए सभी पार्टियों ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. कांग्रेस ने दौसा विधानसभा सीट से डीसी बैरवा को पार्टी का टिकट मिला है, जिससे चुनाव में कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है. वहीं दौसा में SC-ST मतदाताओं की महत्वपूर्ण भूमिका  देखने को मिलेगी. दौसा सीट पर एससी, एसटी और सामान्य मतदाताओं की संख्या लगभग बराबर है, प्रत्येक वर्ग के लगभग 60,000 मतदाता हैं.



सामान्य वर्ग वोटरों ने साध रखी है चुप्पी...
दौसा में विधानसभा उपचुनाव की लड़ाई दिलचस्प हो गई है, खासकर जब दोनों प्रमुख पार्टियों ने सामान्य सीट पर आरक्षित वर्ग के प्रत्याशी उतारे हैं. इससे यहां के सियासी समीकरण भी बदल गए हैं. सामान्य वर्ग के मतदाता अभी तक चुप हैं, जबकि एससी और एसटी मतदाता भी वेट एंड वॉच की मुद्रा में हैं.



बीजेपी के जगमोहन मीणा अपनी पार्टी की 11 माह की उपलब्धियों को गिनाकर वोट मांग रहे हैं, जबकि कांग्रेस के डीडी बैरवा भजनलाल सरकार की विफलताओं को उजागर करके और अपने आपको स्थानीय बताकर वोटों की जुगत भिड़ा रहे हैं. दौसा के दंगल में दोनों में से कौन भारी रहेगा, यह देखना दिलचस्प होगा.


दौसा की राजनीति में यह उपचुनाव महत्वपूर्ण है, खासकर जब यह मुरारीलाल मीणा के सांसद बनने के कारण हो रहा है. दौसा सीट पर एससी, एसटी और सामान्य मतदाताओं की संख्या लगभग बराबर है, प्रत्येक वर्ग के लगभग 60,000 मतदाता हैं. यह उपचुनाव दौसा के राजनीतिक भविष्य के लिए निर्णायक हो सकता है.



क्या है डोवठा मिठाई की विशेषता?
दौसा की प्रसिद्ध मिठाई डोवठा अपने अनोखे स्वाद और बनावट के कारण लोगों के दिलों पर छा जाती है. यह मिठाई देसी घी से बनाई जाती है और इसमें बादाम के बुरादे का भी उपयोग किया जाता है. डोवठा की खासियत यह है कि यह बहुत सॉफ्ट और स्वादिष्ट होती है, जिसे एक बार खाने के बाद कोई भी भूल नहीं पाता. इसकी कीमत लगभग 420 रुपये प्रति किलो है, लेकिन इसका स्वाद इसकी कीमत से कई गुना अधिक है. डोवठा दौसा की पहचान बन चुकी है और इसे खाने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं.


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दौसा की प्रसिद्ध मिठाई डोवठा का इतिहास देश की आजादी से जुड़ा हुआ है. जब देश 1947 में आजाद हुआ, तो दौसा के गांधी चौक में लोगों ने इस ऐतिहासिक पल को मनाया. उस दिन लोगों के एक हाथ में तिरंगा झंडा था और दूसरे हाथ में डोवठा मिठाई, जो खुशी और जश्न का प्रतीक बनी. इस तरह, डोवठा मिठाई आजादी की गवाही बन गई और दौसा की सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है. यह मिठाई न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि यह देश की आजादी की याद भी ताजा करती है.


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