Rajasthan News: डूंगरपुर जिले में चौरासी विधानसभा चुनावों में पार्टियों के साथ ही निर्दलीय कैंडिडेट भी कड़ी टक्कर दे रहे है. चौरासी में आदिवासी परिवार से जुड़े और भारत आदिवासी पार्टी में काम कर चुके बदामीलाल बागी होकर चुनाव लड़ रहे है. वहीं, निर्दलीय कैंडिडेट के रूप में गांव-गांव जाकर प्रचार में जुटे है. बदामीलाल ने भारत आदिवासी पार्टी के सांसद राजकुमार रोत और अन्य नेताओं पर जमकर निशाना साधा. इधर बागी बादामीलाल बीएपी की मुश्किलें बढ़ा सकते है. हालाकि, बीएपी के जिला अध्यक्ष का कहना है की बागी बदामीलाल से कोई फर्क नहीं पड़ेगा . 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


बदामीलाल अपने समर्थकों के साथ प्रचार पर निकलते है. बदामीलाल कहते है कि उपचुनाव में उन्होंने भी बीएपी से दावेदारी की थी. वे 2014- 2015 से आदिवासी परिवार और पार्टी से जुड़े हुए है. पार्टी में पुराने समय से काम कर रहे है. लोकतंत्र में चुनाव लड़ने का सभी को अधिकार है, लेकिन पार्टी के नेताओं ने ये कहकर उनका टिकट काट दिया कि एक व्यक्ति एक चुनाव का नियम है, जबकि उनकी पत्नी प्रधान है. वे किसी पद पर नहीं है. उनका टिकट भले काट दिया, लेकिन पार्टी के ही बड़े नेता खुद ये नियम तोड़ रहे है. खुद राजकुमार रोत पहले विधायक बने. इसके बाद फिर चुनाव लड़े और विधायक बने. इसके बाद अब सांसद का चुनाव लड़कर जीते. जब बड़े नेता को 3 बार टिकट मिल सकता है. तो ये नियम कहा रहा. नियम तो खुद बड़े नेताओं ने तोड़ दिया है.



बीएपी से टक्कर और बगावत को लेकर बदामीलाल ने कहा कि पार्टी के कई पुराने कार्यकर्ता नाराज है. उन्हें पार्टी से किनारा कर दिया है. वे सभी उनके साथ है और पूरा समर्थन मिल रहा. मुद्दों को लेकर बदामीलाल कहते है कि पहले बीएपी आदिवासियों के आरक्षण को लेकर आई थी, लेकिन बाद में वे मुद्दे गायब हो गए. शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी के मुद्दे तो सभी पार्टियों के है. उनके पास नया क्या है. पहले कहते थे केवल आदिवासियों के हक अधिकार चाहिए, लेकिन अब 36 कौम की बात करते है. पार्टी में एससी, जनरल सभी आ गए है. फिर ये पार्टी आदिवासियों की कैसे रही. ये केवल अपने स्वार्थ के लिए आदिवासियों के नाम पर लोगों को भ्रमित कर रहे है. उन्होंने कहा कि क्षेत्र का युवा अब समझ चुका है और पूरा समर्थन मिल रहा है.



नहीं पड़ेगा कोई फर्क
इधर बीएपी से बागी लड़ रहे बदामीलाल से बीएपी को नुकसान के सम्बन्ध में जब भारत आदिवासी पार्टी के जिला अध्यक्ष अनुतोष रोत से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बागी बदामीलाल से पार्टी को कोई नुकसान नहीं होगा. बादामी ज्यादा से ज्यादा 1000 से 1500 वोट काट सकते है.



बहरहाल बीएपी से बागी निर्दलीय उम्मीदवार ने चुनावी मैदान में ताल ठोक रखी है. वही जनता द्वारा उनको समर्थन का दावा भी किया है. इधर बीएपी के पार्टी उनके बागी होने से पार्टी को उपचुनाव में कोई नुकसान नहीं होने की बात कर रहे है, लेकिन बागी बदामिलाल कितना नुकसान बीएपी को पहुंचा पायेगा तो चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता लग पायेगा.



ये भी पढ़ें- खींवसर सीट पर किसका पलड़ा भारी? दांव पर लगी बेनीवाल की प्रतिष्ठा, समझें समीकरण 



राजस्थान की ताज़ा ख़बरों के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें Rajasthan News और पाएं Latest Rajasthan News हर पल की जानकारी। राजस्थान की हर खबर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!