Dungarpur Chhath Puja: राजस्थान के डूंगरपुर जिले में छठ पूजा का पर्व बहुत धूम-धाम के साथ मनाया गया. छठ पूजा के चौथे दिन आज सुबह शहर में निवासरत यूपी, बिहार के लोग अपने परिवार के साथ गैप सागर झील में छठ पूजा का व्रत मनाया. यूपी, बिहार के लोगों ने गाजे बाजे के साथ शोभायात्रा के साथ गैप सागर झील पहुंचे. शहर की गैप सागर झील पर कल अस्ताचलगामी सूर्य को अघ्र्य देने के बाद आज उगते हुए सूरज को व्रतार्थि महिलाओ ने अर्घ्य देकर झील की पाल पर छठ की पूजा की और खुशहाली, संतान रक्षा की कामना की.


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लोक गीत गाते पहुंचे
पुरुष बांस की टोकरी माथे पर रखकर पहुंचे, तो वहीं महिलाएं कांच बांस ही बहंगिया लचकत जाए..., राह चले पूछे रे बटोहिया, ई भार किकरा के जाय..., केलावा जे फटेला धवद से ओइपर सुगा मेढ़राय... सुनी हो बिनतिया हमार ओ छठ माई..., जैसे लोक गीत हुए साथ गैप सागर झील के घाट पर पहुंची. 


उगते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दिया
इसके बाद गैप सागर झील की पाल पर श्रद्धालुओं ने छठ माता की पूजा अर्चना की वही उगते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दिया. और इसके साथ ही आम की लकड़ी और मिट्टी के चूल्हे पर शुद्ध घी, गेहूं से निर्मित ठेकुआ, ऋतुफल, गन्ना, फूल आदि मिष्ठान का प्रसाद का भोग लगाया. व्रतार्थी महिलाओ ने संतान की लंबी उम्र और उनके खुशहाल जीवन, घर परिवार में सुख समृद्धि, की कामना की. 


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यूपी, बिहार और झारखंड का महापर्व
आज छठ पूजा का आखिरी दिन है, चार दिनों तक चलने वाला यह पर्व यूपी, बिहार के लोगों का सबसे बड़ा पर्व है. छठ महापर्व की शुरुआत पहले दिन नहाय-खाय से होती है, इसके बाद दूसरे दिन खरना मनाया जाता है. तीसरे दिन संध्या अर्घ्य और चौथे दिन को ऊषा अर्घ्य के साथ छठ पूजा की समाप्ती की जाती है. इस पर्व को यूपी, बिहार और झारखंड में  बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. छठ पूजा का व्रत यूपी, बिहार में खास करके संतान की लंबी उम्र, उनके खुशहाल जीवन, और घर परिवार में सुख समृद्धि के लिए मनाया जाता है.