Rajasthan News: डूंगरपुर जिला मुख्यालय पर करोड़ो रुपये की लागत से बनी बांसवाडा संभाग की सबसे बड़ी जेल का काम अंतिम चरण में है. अगले दो माह में यह अत्याधुनिक जेल बनकर तैयार हो जाएगी. वहीं जेल शुरू होने के बाद जेल स्टाफ और बंदियों को कई तरह की सुविधाएं मिलने लगेगी. 


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पुरानी जेल में सुविधाओं की कमी 
डूंगरपुर जेल के जेलर मुकेश गायरी ने बताया कि वर्तमान में डूंगरपुर जिले में विभिन्न प्रकार के मुकदमों में ओसतन 250 से अधिक बंदी जेल में रखे जाते है,  लेकिन जेल की क्षमता महज 70 होने के कारण बंदियों को अन्यत्र जेलों में शिफ्ट करना पड़ता है. अन्य जिलों की जेलों में भेजे गए बंदियों को पेशियों पर लाने में काफी परेशानी होती है. वहीं, महिला काराग्रह नहीं होने से महिला बंदियों को उदयपुर जेल भेजना पड़ता है. वर्तमान जेल बहुत छोटी होने के कारण इसमें किसी भी प्रकार की सुविधाएं नहीं है. वहीं, अधिकारी और स्टाफ क्वार्टर की कमी के चलते जेल कार्मिको को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.


अत्याधुनिक सुविधाओं से लेस होगी नई जेल 
जेलर मुकेश ने बताया कि नवनिर्मित जेल में 50 महिला बंदी समेत 500 बंदियों को रखने की क्षमता है. नई जेल में महिला बैरक, पुरुष बैरक, गार्ड रूम, स्टाफ क्वार्टर भी बनाए गए है. साथ ही जेल में पानी, बिजली समेत अन्य सुविधाओं का काम अंतिम चरण में है. नवनिर्मित जेल में सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया गया है. वहीं, पूरी जेल में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जा रहे है. जेलर मुकेश ने बताया कि नई जेल शुरू होने के बाद जेल में बंदियों को विभिन्न रोजगार परक प्रशिक्षण भी दिए जाएंगे. 


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