Sagwara News, Dungarpur : डूंगरपुर के सागवाड़ा में कडाणा विभाग की बेशकीमती जमीन का फर्जी तरीके से नामांतरण खोल कर रजिस्ट्री करने के मामले में सागवाड़ा थाना पुलिस ने ज़मीन ख़रीदने वाले हरीसिंह को गिरफ़्तार कर लिया है. पुलिस हरिसिंह से पूछताछ में जुटी है. वही पूछताछ में इस पूरे खेल के पीछे किन लोगों का हाथ था, इस मामले में कई राज खुलने की संभावना है.


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डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा थाने के थानाधिकारी शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि कडाणा की 30 करोड़ से अधिक की सरकारी ज़मीन फर्जी तरीक़े से ख़रीदने वाले हरिसिंह  की गिरफ़्तारी और पूछताछ पर कोर्ट ने रोक लगा रखी थी. पहले 18 अक्टूबर और बाद में 9 नवंबर तक हरिसिंह  की गिरफ़्तारी और पूछताछ पर रोक थी.


इधर रोक हटने के बाद सागवाड़ा पुलिस ने इस पूरे मामले में मुस्तैदी दिखाते हुए एसआई  लक्ष्मणलाल, भूपेंद्र सिंह और वीरेंद्र सिंह ने हरिसिह को गुरुवार बीती रात रामा गांव में खेतों के पास से गिरफ़्तार कर लिया. इधर, हरि सिंह की गिरफ़्तारी की जानकारी मिलने पर डूंगरपुर  एसपी राशि डोगरा भी देर शाम को सागवाडा थाना पहुंची और मामले की जानकारी ली.


अब रिमांड में लिए जाने के बाद पुलिस पूछताछ में इस पूरे खेल के पीछे किन लोगों का हाथ था, इस संबंध में कई राज खुलने की संभावना है. इधर, ज़मीन की ख़रीद के मामले में एक गवाह रहे गनोडा निवासी राजेन्द्र जैन अब भी फ़रार हैं.


ये था मामला
 राजस्थान सरकार के राजस्व विभाग ग्रुप डी के एक फ़र्ज़ी आदेश से सागवाडा तहसीलदार, गिरदावर, पटवारी ने कडाणा विभाग की  ज़मीन का नामांतरण खोलकर उसकी रजिस्ट्री कर दी थी. इसके बाद कडाणा विभाग बेशक़ीमती भूमि को कूट रचित दस्तावेजों के माध्यम से ज़मीन ख़रीद फ़रोख़्त करने की बात सामने आने पर तत्कालीन तहसीलदार ने थाने में एक मामला दर्ज कराया था. इस मामले में ज़मीन बेचने वाली दोनों बहनें नजमा और फातेमा को पूर्व में ही गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया गया था. 


इधर, अब हरसिंह की गिरफ़्तारी से इस मामले में कुछ ख़ुलासा होने की संभावना बतायी जा रही है. इस पूरे मामले में अब भी इसका ख़ुलासा नहीं हो पाया है कि राजस्थान सरकार के राजस्व विभाग के ग्रुप डी का फ़र्ज़ी आदेश कौन बनाकर लाया था. जिसके चलते ज़मीन ख़रीदने की पूरी साज़िश रची गई थी.


रिपोर्टर- अखिलेश शर्मा