Jaipur: राजस्थान (Rajasthan) में चिकित्सकों की कमी के बीच कुछ ऐसे आंकड़े सामने आए हैं, जिससे पता चलता है कि राजस्थान राज्य में पीजी और एमबीबीएस (MBBS) करने वाले चिकित्सकों का मोह सरकारी सेवाओं में नहीं है.


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राजस्थान के 14 हजार 849 चिकित्सकों के कैडर में से राज्य के 7 संभागों में 264 विशेषज्ञ डॉक्टर और 295 मेडिकल ऑफिसर ने सरकारी ड्यूटी जॉइन करने ही नहीं पहुंचे. 


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लंबे समय से अनुपस्थित इन डॉक्टरों और मेडिकल ऑफिसर के बारे में जन स्वास्थ्य सेवा के निदेशक डॉ. केके शर्मा ने सभी पीएमओ और सीएमएचओ से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है. साथ ही ये निर्देश भी जारी किए हैं कि यदि इनके बारे में देरी से और अधूरी सूचना भिजवाई गई तो विभाग संबंधित पीएमओ और सीएमएचओ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा.


क्या कहना है जन स्वास्थ्य निदेशक का
स्वास्थ्य विभाग के जन स्वास्थ्य निदेशक डॉ. केके शर्मा ने 7 संभागों में आने वाले जिलों के पीएमओ और सीएमएचओ को पत्र लिखा है कि ये चिकित्सक लंबे समय से राज्य सेवा व सेवारत कोटे से पीजी पूरी करने के बावजूद अनुपस्थित हैं. इन चिकित्सकों की सूचना जल्द भिजवाई जाए अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. सीएमएचओ और पीएमओ इन डॉक्टरों की जानकारी जुटाने में लग गए हैं. 


करीब 50 से 60 ने कर लिया जॉइन 
विभाग के निदेशक डॉ. केके शर्मा ने बताया कि ऐसे कई विशेषज्ञ और डॉक्टर हैं, जो कि ज्वाइन करने के बाद वर्षों से अनुपस्थित है लेकिन प्रशासनिक स्तर पर इनके बारे में जानकारी देते नहीं हैं, जबकि हो सकता है इन लोगों ने कहीं और ज्वाइन कर लिया हो, लेकिन इनके नाम से विभाग में सीट बुक है. अब जन स्वास्थ्य निदेशक की अलर्टनेस के बाद अब पीजी वाले 45 चिकित्सक और एमबीबीएस वाले चिकित्सकों में से करीब 50 से 60 ने जॉइन कर लिया है. स्वास्थ्य मुख्यालय के स्तर पर पीजी डिप्लोमा, सर्टिफिकेट कोर्स करने वाले 264 और 295 एमबीबीएस करने वाले अनुपस्थित चिकित्सकों को नोटिस थमाया है और अगर इन्होंने 1 जुलाई तक अपनी जॉइनिंग नहीं की तो विभाग सख्त कार्रवाई करेंगे.