बिना नर के बच्चे पैदा करने की काबिलियत, जानें क्या है वर्जिन बर्थ
Virgin Birth : आपने कई ऐसी हॉलीवुड मूवीज (Hollywood Movie) देखी होंगी जहां एक भयानक एलियन(Alien) दुनिया में विनाश करना शुरू करता है. ये एलियन वर्जिन बर्थ करता है. यानि की एक ही एलियन बच्चे पैदा कर अपनी आबादी को बढ़ाता है. ये वर्जिन बर्थ (Virgin Birth) सिर्फ मूवीज़ में ही नहीं चीटियों और मधुमक्खियों में भी होता है. यानि की बिना किसी नर के मादा में बच्चे पैदा करने का गुण. जिसे पार्थेनोजेनेसिस (Parthenogenesis)कहते हैं है. हालांकि किसी मगरमच्छ(Crocodile) में ये क्षमता हो इसकी संभावना इस नये केस में मिली है. जहां एक मादा मगरमच्छ ने बिना, नर की मदद से बच्चे दिए हैं.
Virgin Birth :क्या आपने कभी वर्जिन बर्थ के बारे में सुना है. यानि की बिना साथी के बच्चे पैदा करने की काबलियत. दरअसल एक मादा मगरमच्छ ने फर्टीलाइज अंडे दिए हैं, जबकि ये मगरमच्छ पिछले 16 साल से अकेले थी.
जानवरों में वर्जिन बर्थ का ये पहला संकेत माना जा रहा है. फीमेल क्रोकोडाइल के दिए अंडे में मगरमच्छ का भ्रूण पाया गया है, जिसका किसी नर के साथ कोई संपर्क नहीं था. वैज्ञानिकों का दावा है कि मगरमच्छ बना संबंध बनाएं भी बच्चे कर सकते हैं.
वैज्ञानिकों के मुताबिक डायनासोर भी ऐसा ही कर सकते थे. 18 साल की मगरमच्छ 20 फीट तक बढ़ रही थी, अपनी बढ़े में 14 अंड़ो की रखवाली कर रही थी. जबकि 16 सालों से वहां कोई नर मगरमच्छ नहीं देखा गया था.
रिसर्च को लीड करने वाले वर्जीनिया टेक के एसोसिएट प्रोफेसर वारेन बूथ के मुताबिक, यह खोज डायनासोर समेत 'मगरमच्छ के विलुप्त आर्कोसॉरियन प्रजाति की संभावित प्रजनन क्षमताओं के बारे में बता सकती है.
मगरमच्छ लगभग 240 मिलियन साल पहले ही दूसरे डायनासोरों से अलग हुए. फिर भी इन प्राचीन मगरमच्छों के पूर्वजों का इतिहास 267 मिलियन साल पुराना बताया जाता है. मगरमच्छ और पक्षी दोनों बिना संभोग के बच्चा पैदा करने की काबलियत रखते हैं.
वर्जिन बर्थ कॉन्सेप्ट क्या है
मधुमक्खियों, चींटियों जैसे कई ऐसे जीव हैं जिनमें कोई सेक्स क्रोमोसोम नहीं होता है. ये जीव पार्थेनोजेनेसिस प्रजनन करते हैं. कुछ पौधे, सरीसृप और मछली भी ऐसे ही प्रजनन करने में सक्षम माने जाते हैं. वैज्ञानिक अब अनुमान लगा रहे हैं कि डायनासोरों की कुछ प्रजातियों में भी वर्जिन बर्थ का गुण शायद रहा होगा. वैज्ञानिकों के अनुसार मादा के शरीर में अंड-कोशिकाएं तैयार होती रहती और इनमें लगातार विभाजन होता रहता जब तक कि एक बच्चे के लिए जरूरी कुल जीन्स में तैयार नहीं बन जाते. हालांकि वर्जिन बर्थ से पैदा बच्चों के बचने की संभावना बहुत कम ही होती है.