Jaipur: जयपुर नगर निगम ग्रेटर की साधारण सभा की बैठक 25 मई को आहूत की जाएगी. करीब एक साल बाद होने वाली बोर्ड बैठक के लिए नगर निगम मेयर डॉक्टर सौम्या गुर्जर ने आयुक्त महेन्द्र सोनी को नोटशीट लिखकर प्रस्ताव मांगे हैं.नियमों के अनुसार तो नवंबर 2020 से लेकर अब तक नगर निगम की साधारण सभा की 15 बैठकें होनी चाहिए थी. लेकिन सिर्फ तीन बार ही हुई. नवंबर 2020 में बोर्ड बनने के बाद 25 मई को ये चौथी बैठक होगी.बैठक में सत्ताधारी पार्षदों के साथ विपक्ष हंगामा कर सकता हैं.


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नगर निगम ग्रेटर में ठीक एक साल बाद साधारण सभा की बैठक होगी. मेयर डॉक्टर सौम्या गुर्जर के पद से बर्खास्त होने और वापस पद संभालने के बाद ये पहली और नवंबर 2020 में बोर्ड बनने के बाद ये चौथी बैठक होगी.बैठक में सत्ताधारी पार्षदों के साथ विपक्ष विकास कार्य नहीं होने के चलते हंगमा कर सकता हैं.


इस बैठक को आहूत करने के लिए मेयर डॉ.सौम्या गुर्जर ने आयुक्त महेन्द्र सोनी को नोटशीट लिखकर प्रस्ताव मांगे हैं. इसके बाद कमिश्नर महेन्द्र सोनी ने सभी जोन उपायुक्त और अन्य उपायुक्तों से प्रस्ताव मांगे है. जो 10 मई तक देने के निर्देश दिए है.


10 मई के बाद एजेंडा जारी करके सभी पार्षदों और बोर्ड से जुड़े दूसरे सदस्यों (विधायकों और सांसदों) को बैठक के लिए सूचित किया जाएगा.
नगर पालिका अधिनियम के अनुसार नगरीय निकायों (नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिका) को 60 दिन के अंदर एक बार साधारण सभा बुलानी जरूरी होती है लेकिन नगर निगम ग्रेटर में पिछले 29 महीने के अंतराल में 15 की जगह केवल 3 ही बैठक बुलाई गई है.


इस साल जनवरी में भी बजट बैठक नहीं हो सकी थी. उस समय शहर के सांसद रामचरण बोहरा ने लोकसभा सत्र का हवाला देकर बैठक बाद में करने के लिए कहा था. नगर निगम ग्रेटर में साधारण सभा की 25 मई को प्रस्तावित बैठक पूरे एक साल बाद होने जा रही है. इससे पहले आखिरी बैठक पिछले साल 26 मई में हुई थी.


तब केवल तीन प्रस्तावों पर चर्चा की गई थी. इस बार संभावना है कि 10 से ज्यादा प्रस्तावों का एजेंडा इस बैठक में रखा जाएगा.नगर निगम में पिछले दो साल से विवादों के कारण बजट बैठक भी नहीं हुई.साल 2022 और साल 2023 का बजट भी बिना सदन में रखे आयुक्त के जरिए सरकार को पास करने के लिए भिजवाया गया.


साधारण सभा नगर निगम का सर्वोच्च सदन हैं. इसमें सड़क, नाली, कचरा, सफाई, भवन निर्माण जैसे हर मुद्दे पर चर्चा होती हैं. जनता ने इसी सदन में अपनी आवाज पहुंचाने के लिए पार्षदों को चुना लेकिन पार्षद जनता की समस्याओं पर चर्चा नहीं कर पाए. कभी पक्ष-विपक्ष विवाद तो कभी मेयर-कमिश्नर विवाद से लगातार बैठकें टलती रही.


फ्लैशबैक में जाए तो शहर के विकास को गति देने के मकसद से नगरपालिका एक्ट में साधारण सभा का प्रावधान किया गया था. नियम था कि हर 60 दिन में एक बैठक बुलाना जरूरी होगा. मगर बोर्ड दर बोर्ड इस बैठक से दूरी होती जा रही है.


हालत इतने खराब है कि नगर निगम के पहले बोर्ड में जहां 47 साधारण सभा हुई थी. वहीं दो नगर निगम बनने के बाद बैठकों की संख्या दहाई के आंकड़े के इर्द-गिर्द भी नजर नहीं आ रही है. साधारण सभा का एक्ट में प्रावधान इस मकसद से किया गया था. ताकि पार्षद अपने मन की बात अधिकारियों के समक्ष रख सके और कोई विकास का काम नहीं हो रहा है तो बोर्ड के जरिए उसे करवाए.


मगर बैठक नहीं होने से पार्षदों को अपनी बात रखने का मंच नहीं मिल पा रहा है.हालत ये है कि शहर में दो नगर निगम बनने के बाद करीब ढाई साल का वक्त गुजरने के बाद हैरिटेज नगर निगम में जहां एक ही बैठक हो पाई है. वहीं ग्रेटर नगर निगम अब तक तीन बैठक करवा पाया है. हर बोर्ड में साधारण सभा के जरिए ही नगर निगम का बजट पास करवाकर सरकार को भेजा जाता है लेकिन दो बार से बिना साधारण सभा से पास कराए ही सरकार को सीधे बजट मंजूरी के लिए भेजा जा रहा है.


हर बार विधानसभा या लोकसभा सत्र चलने की वजह से विधायक और सांसदों से बोर्ड बैठक की मंजूरी नहीं मिल पाती है, जिसकी वजह से बैठक नहीं हो पा रही है. वर्ष 2023-24 के बजट को लेकर भी ग्रेटर नगर निगम को बैठक करने की अनुमति नहीं मिली, जिसकी वजह से बजट सीधे सरकार को मंजूरी के लिए भेजा गया.


उधर नगर निगम ग्रेटर से ज्यादा तो हैरिटेज नगर निगम में हालात बिगड़े हुए हैं.हैरिटेज निगम में तो बोर्ड का गठन होने के बाद से पार्षदों और महापौर के बीच खींचतान चल रही है. इस वजह से संचालन समितियों का भी गठन नहीं हो पाया है. यही वजह है कि यहां अब तक एक ही बैठक का आयोजन हो पाया है. निगम प्रशासन ने पिछले दिनों पार्षदों के दबाव में बैठक की तारीख भी जारी की, लेकिन विधानसभा व लोकसभा सत्र चलने की वजह से बैठक करने की अनुमति नहीं मिल पाई.


किस बोर्ड में कितनी साधारण सभा की बैठकें


नगर निगम बोर्ड--------बैठकों की संख्या


पहला-----------------------47
दूसरा-----------------------41


तीसरा-----------------------20
चौथा-------------------------23


पांचवां-------------------------13
नगर निगम हैरिटेज----------------1


नगर निगम ग्रेटर------------------3


बहरहाल, नगर निगम की अब तक हुई साधारण सभा में किसी तरह की कोई चर्चा नहीं देखी गई. अलबत्ता इन बैठकों में हंगामा होता है. सत्ता और विपक्ष के पार्षद नगर निगम में एकदूसरे पर आरोप लगाने के अलावा कोई गंभीर बहस नहीं करते. जनता के मुद्दे इन बैठकों में देखा गया हैं की गौण हो जाते हैं और जनता ठगा सा महसूस करती हैं.


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