Jaipur: प्रदेश में सरकार के कामकाज को लेकर पूर्व मंत्री और बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी (Arun Chaturvedi) ने बड़ा हमला बोला है. चतुर्वेदी ने कहा कि मुख्यमंत्री को तोते पालने का शौक है और इन दिनों सीएम (CM Ashok Gehlot) के हाथ एक तोता लगा हुआ है.
चतुर्वेदी ने कहा कि मुख्यमंत्री जब चाहें तब उस तोते से अपने मन के मुताबिक बात कहलवाते हैं. हालांकि अरुण चतुर्वदी (Arun Chaturvedi) ने यह खुलासा तो नहीं किया कि वह तोता कौन है लेकिन उनका इशारा सरकार के ही एक मंत्री की तरफ था.


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आरएएस भर्ती विवाद (RAS Recruitment Controversy) में अपने सम्बन्धियों की कथित तौर पर मदद किये जाने के सवाल पर चतुर्वेदी ने कहा कि बीजेपी (BJP) जो मुद्दे उठाती है उसका असर होता है. पूर्व मंत्री ने कहा कि बीजेपी की तरफ़ से आरएएस भर्ती (RAS Recruitment) में हुई गड़बड़ का मुद्दा उठाने से सरकार के मुखिया को एक तोता भी मिल गया है, और उन्होंने उस तोते को पिंजरे में बंद कर रखा है.
चतुर्वेदी ने उस मंत्री और पदाधिकारी का नाम लिये बिना कहा कि मुख्यमंत्री के हाथ में तोते की गर्दन है और जब उन्हें कोई बयान कहलवाना होता है तो तोते की गर्दन दबा दी जाती है. पूर्व मंत्री ने कहा कि पिंजरे में बंद तोता हमेशा एक ही भाषा बोलता है. 


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चतुर्वेदी ने एसीबी को बताया सरकार का टूल किट  


पूर्व मन्त्री अरुण चतुर्वेदी ने सीएम (CM Ashok Gehlot) के हाथ लगे तोते का ज़िक्र करने के साथ ही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti Corruption Bureau) को भी आड़े हाथ लिया. उन्होंने कहा कि पहले कांग्रेस अलग-अलग टूल किट तैयार करती थी, लेकिन अब राजस्थान सरकार के पास एसीबी (ACB Tool Kit) जैसा टूल किट है.
चतुर्वेदी ने कहा कि सरकार एसीबी को टूल किट की तरह इस्तेमाल कर रही है. चतुर्वेदी ने कहा कि एसीबी में जब जिसको चाहे तब पकड़वाया जाता है और अगर एसीबी किसी ऐसे व्यक्ति को पकड़ ले जो सरकार को सूट नहीं करता तो उसे तत्काल ही छोड़ भी दिया जाता है.