राजस्थान सरकार लाने जा रही है Right to Health Bill, CM Gehlot की मंशा केंद्र भी देश भर में करे लागू
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राजस्थान सरकार लाने जा रही है Right to Health Bill, CM Gehlot की मंशा केंद्र भी देश भर में करे लागू

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर केंद्र सरकार से इस संबंध में आग्रह किया है कि केंद्र सरकार इस संबंध में जरूरी कदम उठाए. 

फाइल फोटो

Jaipur: राजस्थान में कोरोना (Covid) काल में हेल्थ सिस्टम को बेहतर बनाने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने राइट टू हेल्थ को संविधान के मूल अधिकारों में शामिल करने की मांग कर देश में स्वास्थ्य (Health) के अधिकार को लेकर नई बहस छेड़ दी है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर केंद्र सरकार (Central Government) से इस संबंध में आग्रह किया है कि केंद्र सरकार इस संबंध में जरूरी कदम उठाए. माना जा रहा है कि राजस्थान में सरकार 9  सितंबर से शुरू होने वाले विधानसभा के सत्र में राइट टू हेल्थ कानून लाने जा रही है. अगर ऐसा हुआ तो देश में राइट टू हेल्थ कानून बनाने वाला राजस्थान पहला राज्य होगा.

कोरोना काल में इंसान के लिए जब स्वास्थ्य सबसे महत्वपूर्ण हो गया और सरकारों के लिए जिंदगी बचाने की जद्दोजहद सबसे जरूरी हुई तो ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देश में नागरिकों के स्वास्थ्य के उपचार के अधिकार को लेकर नई बहस छेड़ दी है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार से राइट टू हेल्थ को संविधान (constitution ) के मूल अधिकारों में शामिल करने का सुझाव दिया है. गहलोत सरकार राजस्थान में भी राइट टू हेल्थ बिल (Right to Health Bill) लाने जा रही है. गहलोत ने ट्वीट कर राइट टू हेल्थ की पैरवी करते हुए केंद्र को सुझाव दिया है. राइट टू हेल्थ बिल लाने वाला राजस्थान पहला राज्य होगा.

मुख्यमंत्री गहलोत ने किया ट्वीट 
गहलोत ने ट्वीट कर लिखा कि राजस्थान सरकार ने 'राइट टू हेल्थ' की परिकल्पना को साकार करने के लिए पहले चिकित्सा क्षेत्र (Health Sector) में बड़े बदलाव किए. मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना, मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना एवं मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना (Mukhya Mantri Chiranjeevi Swasthya Bima Yojana) से पूरे प्रदेश में  OPD और  IPD का सम्पूर्ण इलाज मुफ्त (Free) किया. हमारा प्रयास है कि राजस्थान का कोई भी नागरिक इलाज के अभाव में कष्ट ना पाए. भारत सरकार को अब 'राइट टू हेल्थ' को संविधान के मूल अधिकारों में शामिल करना चाहिए एवं सभी नागरिकों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करना चाहिए.

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राजस्थान सरकार राइट टू हेल्थ बिल लाने की तैयारी में है
राजस्थान सरकार ने 'राइट टू हेल्थ' की परिकल्पना को साकार करने के लिए पहले चिकित्सा क्षेत्र में बड़े बदलाव किए. मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना (Mukhyamantri Nishulk Dava Yojana), मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना और मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना को सफल तौर पर लागू किया है. राजस्थान में यूनिर्वसल हेल्थ कवरेज (Universal Health Coverage) के तहत मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना लागू हो चुकी है. इसे राइट टू हेल्थ की दिशा में ही कदम माना जा रहा है. विधानसभा के 9 सितंबर से शुरू होने वाले सत्र में सरकार राइट टू हेल्थ बिल लाने की तैयारी में है. राइट टू हेल्थ बिल का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है. कानून (Law) बनने के बाद हर नागरिक का इलाज करना और उसके स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए सरकार कानूनी तौर पर बाध्य होगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की यह पहल स्वागत योग्य है निश्चित तौर पर केंद्र सरकार को उनके सुझाव पर अमल करना चाहिए ताकि देश के प्रत्येक नागरिक को उसके स्वास्थ्य के उपचार का अधिकार मिल सके. 

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