दिवाली से पहले गहलोत सरकार का संविदा कर्मियों को बड़ा तोहफा, 30 हजार कमर्चारियों को नियमित करने का लिया फैसला
Gehlot Governments Big Gift: दीपावली से ठीक पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संविदा कर्मचारियों को बडी सौगात दी है. प्रदेश सरकार की ओर से करीब 30 हजार से ज्यादा संविदाकर्मियों को नियमित करने का फैसला किया है. जिसमे पंचायत सहायक, शिक्षाकर्मी और पैराटीचर्स को नियमित करने के आदेश जारी कर दिए हैं.
Before Diwali Gehlot Governments Big Gift: दीपावली से ठीक पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संविदा कर्मचारियों को बडी सौगात दी है. प्रदेश सरकार की ओर से करीब 30 हजार से ज्यादा संविदाकर्मियों को नियमित करने का फैसला किया है. जिसमे पंचायत सहायक, शिक्षाकर्मी और पैराटीचर्स को नियमित करने के आदेश जारी कर दिए हैं. तीनों को अब शुरुआत में 10 हजार 400 रुपए का वेतन मिलेगा. जिन संविदा कर्मचारियों को अभी 10 हजार 400 से ज्यादा मिलते हैं, उनका वेतन पहले की तरह मिलता रहेगा. 9 साल की सर्विस पूरी करने पर 18 हजार 500 और 18 साल की सर्विस पूरी करने पर 32 हजार 300 रुपए सैलरी मिलेगी.
संविदाकर्मियों को नियमित करने के लिए सब कमेटी बनाई गई थी
कांग्रेस सरकार बनने के बाद संविदाकर्मियों को नियमित करने के लिए मंत्री बीडी कल्ला की अध्यक्षता में कैबिनेट सब कमेटी बनाई गई थी. कैबिनेट सब कमेटी की सिफारिश के आधार पर संविदाकर्मियों को नियमित करने के लिए नियम बनाए गए थे. संविदाकर्मी सरकारी कर्मचारियों की तरह वेतन-पेंशन की मांग कर रहे थे लेकिन कल्ला कमेटी ने दूसरा फार्मूला निकाला. सरकारी विभागों में काम करने वाले संविदाकर्मियों को नियमित करने के लिए राजस्थान कॉन्ट्रैक्चुअल सर्विस रूल्स 2021 बनाए गए. अब इन नियमों के दायरे में संविदाकर्मियों को लिया जाएगा.
राजस्थान कॉन्ट्रैक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स के दायरे में लिया गया
शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने बताया कि "इन पदों को राजस्थान कॉन्ट्रैक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स के दायरे में लिया गया है. शिक्षाकर्मी, पैराटीचर्स और ग्राम पंचायत सहायक के पदनाम बदले गए हैं. शिक्षाकर्मी को अब शिक्षा सहायक, पैराटीचर्स को पाठशाला सहायक और ग्राम पंचायत सहायक विद्यालय सहायक कहा जाएगा. इस आदेश के दायरे में एजेंसी के माध्यम से जॉब बेसिस पर काम कर रहे संविदा कर्मचारियों को नियमित नहीं किया जाएगा. पंचायत सहायक, शिक्षाकर्मी और पैराटीचर्स को तभी नियमित किया जाएगा जब वे इन पदों के लिए तय एजुकेशनल क्वालिफिकेशन को पूरा करते हैं. कॉन्ट्रैक्चुअल सर्विस रूल्स के दायरे में वे ही संविदाकर्मी आएंगे जो तय योग्यता पूरी करते हैं."
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जिन संविदा कर्मियों का पहले का वेतन ज्यादा होगा तो उन्हें मिलने वाले वेतन में दो सालाना इंक्रीमेंट जोड़कर नया वेतन तय किया जाएगा. जिन कर्मचारियों का पहले से मिलने वाला वेतन संरक्षित किया गया है उनकी 9 और 18 साल की सर्विस की गिनती इन नियमों के आने की तारीख से होगी. पहले की सर्विस 9 और 18 साल की गिनती में शामिल नहीं होगी. संविदाकर्मियों को अब तक इंक्रीमेंट का फायदा नहीं मिलता था. कई विभागों में तो 6 हजार रुपए महीने पर संविदाकर्मी काम कर रहे हैं जो संविदाकर्मी नियमित होंगे उन्हें अब इंक्रीमेंट मिलेगा और उनकी नौकरी सुरक्षित रहेगी. अब तक अलग-अलग विभागों में संविदाकर्मी बिना इंक्रीमेंट के एक फिक्स वेतन पर कई साल से काम कर रहे थे.
जो नियम लागू किए गए है उनका विरोध जताया
हालांकि प्रदेश सरकार की ओर से संविदा कर्मियों के हक में बड़ा फैसला लिया गया है, लेकिन इन तीनों ही पदों पर कार्य कर रहे संविदा कार्मिकों ने सरकार द्वारा लिए गए फैसलों में जो नियम लागू किए गए हैं उनका विरोध जताया है. संविदाकर्मचारियो ने सरकार से मांग की है कि सरकार द्वारा सभी संविदा अडॉप्ट रूल आदेश संविदा कर्मियों को दिया गया तोहफा ऊंट के मुंह में जीरा है. संविदाकर्मचारियों ने सरकार से मांग की है कि जो संविदा कार्मिक पूर्व में लगे हुए हैं. उनकी सेवा गणना पूर्व से ही की जाकर मानदेय बढ़ाते हुए नियमित करने की प्रक्रिया पूरी की जाए. तब जाकर गहलोत सरकार का चुनावी वादा सही मायने में पुरा हो सकेगा.