Jaipur: रीट अध्यापक पात्रता परीक्षा (REET) में लेवल-1 से बीएसटीसी अभ्यर्थियों ( BSTC candidates) ने बीएड धारियों को बाहर करने की मांग तेज कर दी है. और इसी मांग को लेकर सोमवार को प्रदेशभर से बेरोजगारों (Unemployed) ने राजधानी जयपुर (Jaipur news) में सांकेतिक धरना देकर अपना विरोध जताया. साथ ही 26 अक्टूबर को मामले को लेकर हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई में सरकार की ओर से बीएसटीसी अभ्यर्थियों के पक्ष में मजबूत पैरवी करने की भी मांग की है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यह भी पढ़ें- Rajasthan में बिजली संकट बरकरार, जानें कहां हो रही अघोषित कटौती


गोविंद सिंह डोटासरा भी बीएसटीसी अभ्यर्थियों की पीड़ा पर चिंता जताते हुए नजर आए
गौरतलब है कि रीत अध्यापक पात्रता परीक्षा की विज्ञप्ति में शिक्षा विभाग की ओर से level-1 के लिए बीएसटीसी अभ्यर्थियों को ही योग्य माना था, लेकिन बीएड धारियों (BEd holders) द्वारा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने के बाद हाईकोर्ट (High Court) ने बीएड धारियों को दोनों लेवल में शामिल होने के आदेश दिए थे. हाईकोर्ट में सुनवाई होने से पहले शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा भी बीएसटीसी अभ्यर्थियों की पीड़ा पर चिंता जताते हुए नजर आए. साथ ही सरकार की ओर से इस पूरे मामले में मजबूत पक्ष रखने की बात भी शिक्षा मंत्री ने कही. 


यह भी पढ़ें- बत्तीलाल ने पूछताछ में उगले अहम राज, SOG ने और 3 आरोपियों को आगरा से किया गिरफ्तार


गोविंद सिंह डोटासरा ने क्या कहा 
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) ने कहा कि अभी मामला कोर्ट में है और इस पर फैसला कोर्ट ही करेगा, सरकार का जो स्टैंड है उसके तहत सरकार मजबूत पैरवी कर ही रही है. लेकिन यह बात सच है कि यदि लेवल-1 और लेवल-2 में बीएड धारी आ जाएंगे तो बीएसटीसी (BSTC) एक दिन खत्म हो जाएगी. इसमें कोई दोराय नहीं है. मैं पक्ष और विपक्ष की बात नहीं करता हूं. लेकिन यह बात सच है एक विद्यार्थी जो ग्रेजुएशन करा हुआ हो और एक विद्यार्थी जो 12वीं पास हो, उसके विजन में फर्क होता है, लेकिन आगामी सुनवाई में कोर्ट जो भी फैसला लेगा वह मान्य होगा.