राजस्थान संगीत नाटक अकादमी का समापन ,बच्चों से रुबरू हुए चंद्रकांता सीरियल के क्रूर सिंह
राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, राजस्थान ललित कला अकादमी, क्युरियो चिल्ड्रेन्स थिएटर जयपुर के द्वारा पिछले 21 दिनों से जयपुर में चल रही 16 वीं कोलाज ऑफ किलकारी बाल नाट्य रंग प्रदर्शन का आज रवींद्र मंच पर समापन हुआ.
Jaipur News: राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, राजस्थान ललित कला अकादमी, क्युरियो चिल्ड्रेन्स थिएटर जयपुर के द्वारा पिछले 21 दिनों से जयपुर में चल रही 16 वीं कोलाज ऑफ किलकारी बाल नाट्य रंग प्रदर्शन का आज रवींद्र मंच पर समापन हुआ.
जयपुर में राजस्थान संगीत नाटक अकादमी
क्रिएटिव डायरेक्टर गगन मिश्रा ने बताया कि रवींद्र मंच, सेंट्रल अकादमी महावीर नगर, संस्कार वैशाली, टैगोर अम्बाबाड़ी केंद्रों पर किलकारी के लगभग 100 बच्चों ने बाल नाट्य के विभिन्न रंग जहां आउटडोर गतिविधियों में नट नटी, ज्योतिष बाबा, नुक्कड़ नाटक, फोक सांग की प्रस्तुति दी वही मुख्य सभागार में वेलकम सांग, क्युरियो सांग, माइम, पोएट्री पर्फोर्मेंसस के साथ साथ चार शार्ट चिल्ड्रेन्स प्ले हुए.
समापन समारोह में बाल कलाकारों ने बिखेरे जलवे
आज के समापन समारोह में हुए नाटक की ये कहानी हैं. उल्टा पुर राज्य की जिसका एक बड़ा ही विचित्र राजा था जो सदैव ही चर्चा में बना रहना चाहता था. जिसकी वजह से उसने अपने राज्य मे अलेक्सा को बुलाया और अपने मंत्रियों और अपनी पुरानी राज्यसभा को बदल कर अब फेसबुक, इंस्टाग्राम, स्नैपचट्, और गूगल, कर दिया. अब सभी ने इंटरनेट से राजा को उल्टा- पुलटे सुझाव दिए.
जैसे दिन को रात और रात को दिन बना दो, लड़के को लड़की और लड़की को लड़का बना दो, सारी सब्जियों के नाम इंसानों पर और इंसानों के नाम सब्जियों पर रख दो राजा को सबके सुझाव इतने पसन्द आए की राजा ने पूरे राज्य में यह नियम लागू करने का आदेश दे दिया. पर सिर्फ़ ये ही नहीं उल्टा पुरा का राजा सोशल मिडिया से भी इतना इंफ्लुएंस हो गया की अब रात दिन अपनी प्रजा को भूल कर फोन में लगा रहने लगा, जो की अभी हर आम आदमी की कहानी बन चुकी हैं.
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अब राजा के साथ ही प्रजा भी फोन की दीवानी हो गई, सभी लोग अब फोन में ही व्यस्त रहने लगे. परन्तु सब भूल गए फोन का अधिक प्रयोग मानव और प्रकृति दोनों के लिए ही नुकसान दायक हैं. तभी प्रकृति ने राजा को उसकी गलती का अहसास दिलाया तब राजा के समझ आया की मानव को प्रकृति के आगे झुकना ही पड़ता हैं.