Woman Gave Birth Triplets in sikar: सीकर में एक महिला ने शहर के वीके जैन प्राइवेट अस्पताल में तीन बच्चों को एक साथ जन्म दिया है. सीकर शहर के मुस्लिम परिवार की महिला मुस्कान ने अस्पताल में प्रसव के बाद तीन बच्चों को जन्म दिया. एक साथ तीन-तीन बच्चों के जन्म से इनके परिवार बेहद खुश हैं.
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Woman Gave Birth Triplets in Rajasthan: राजस्थान के सीकर में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे देख लोग कुदरत का करिश्मा कह रहे है. सीकर में एक महिला ने शहर के वीके जैन प्राइवेट अस्पताल में तीन बच्चों को एक साथ जन्म दिया है. सीकर शहर के मुस्लिम परिवार की महिला मुस्कान ने अस्पताल में प्रसव के बाद तीन बच्चों को जन्म दिया. प्रसव के बाद तीनों बच्चे और महिला स्वस्थ हैं. एक साथ तीन-तीन बच्चों के जन्म से इनके परिवार बेहद खुश हैं. यहां पहुंचे परिजनों भी फूले नहीं समा रहे हैं, उनकी खुशियों का ठिकाना नहीं है.
दरअसल महिला के गर्भ में एक साथ तीन-तीन बच्चे पल रहे हैं, इस बात की जानकारी किसी को नहीं थी. ऑपरेशन के दौरान जब पता चला कि गर्भ में एक नहीं बल्कि तीन-तीन बच्चे हैं तो सभी प्रफुल्लित हो उठे.
सीकर शहर के ही मुस्लिम परिवार की महिला मुस्कान की 2 दिन पहले लेबर पेन होना शुरू हुआ. जब इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टर ने जांच की तो पहले तो वे हैरान हो गए. इसके बाद रात करीब 11:30 बजे उसका सिजेरियन ऑपरेशन शुरू किया. इस दौरान उसके एक साथ 3 बच्चे हुए. यह डिलीवरी सीकर की वीके जैन हॉस्पिटल में हुई.
सीकर शहर में एक साथ 3 बच्चों का जन्म हुआ शहर की रहने वाली महिला ने एक साथ 3 बच्चों को जन्म दिया है. बच्चों में दो लड़की है और एक लड़का है. हॉस्पिटल डॉक्टर मनीष खंडेलवाल ने बताया कि सिजेरियन डिलीवरी से सीकर शहर निवासी महिला पत्नी आतिफ के यह पहली डिलीवरी हुई है. जिसने दो लड़की और एक लड़के को जन्म दिया है.
जिनका वजन 2-2 किलो है. पैदा होने के दौरान तीनों बच्चों को सांस लेने में थोड़ी तकलीफ थी. इसलिए उन्हें और मां को एहतियात के तौर पर आईसीयू वार्ड में शिफ्ट किया गया था. फिलहाल जिनकी हालत ठीक है. आईवीएफ के जरिए होने वाली डिलीवरी में ऐसा होना संभव है, लेकिन आमतौर पर ऐसे केस करीब 10 हजार में से एक महिला पर होता है.
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एक साथ तीन बच्चों की डिलेवरी के बारे में डॉक्टर ने बताया कि आईवीएफ तकनीक से ऐसा हो पाना संभव है क्योंकि फर्टिलाइजेशन के बाद कई बार अंडे के टुकड़े हो जाते हैं, लेकिन बिना आईवीएफ के ऐसे केस हजारों लोगों में गिने चुने लोगों के होते हैं.