Rajasthan News: राजस्थान में विधानसभा चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो चुका है.  प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार भी ताबड़तोड़ फैसले, लोकार्पण और शिलान्यास में जुट्टी हुई है. वहीं रविवार देर रात हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए, लेकिन कुछ और उम्मीदें भी प्रदेश के सरकारी कर्मचारी और बेरोजगारों को थी, जिसे पूरा नहीं किया गया है.


प्रोबेशन पीरियड और वेतन भत्ते में नहीं मिली राहत


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दरअसल रविवार देर रात हुई कैबिनेट बैठक से राजस्थान एक लाखों सरकारी कर्मचारियों को उम्मीद थी कि सरकार उनके प्रोबेशन पीरियड समय सीमा को कम करने और उनके पूरे वेतन भत्ते को लेकर कैबिनेट की बैठक में मुहर लगाएगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. इस मांग को लेकर सरकारी कर्मचारियों को उम्मीदें इसलिए भी ज्यादा थी क्योंकि अन्य चुनावी राज्य जैसे कि छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में इस तरह के फैसले लिए गए हैं. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की ही सरकार है. ऐसे में प्रदेश के 1 लाख से ज्यादा कर्मचारियों की उम्मीदें भी अधिक थी. हालांकि आचार संहिता लगने से पहले अब भी सरकारी कर्मचारियों की आस जगी हुई है.


कैडर निर्माण को लेकर भी उम्मीद


वहीं चिकित्सा विभाग में लंबे समय से पैरामेडिकल काउंसिल द्वारा करवाए जाने वाले लगभग 10 कोर्स के कैडर का निर्माण का भी इंतजार था. जिनमें मुख्य ब्लड बैंक, टेक्नीशियन, ओटी टेक्नीशियन, डायलिसिस कैथ लैब और अन्य कैडर शामिल है. सरकार की ओर से इस पर भी किसी तरह की कोई मुहर नहीं लगी. वहीं रीट पात्रता हर साल करवाने को लेकर भी प्रदेश के लाखों बेरोजगारों को कैबिनेट से मुहर लगने की उम्मीद थी.


इसे लेकर राष्ट्रीय रोजगार संघ के अध्यक्ष भरत बेनीवाल का कहना है कि सरकार पिछले 5 सालों से युवाओं के साथ धोखा कर रही है. फिर चाहे एक लाख भार्ती का वर्गीकरण का मुद्दा हो या प्रोबेशन पीरियड की बात हो, कैडर निर्माण हो या भार्तीयों की विज्ञप्ति जारी करने की बात हो. युवाओं के साथ छलावा हुआ है अगर सरकार 7 दिन के अंदर इन मांगों को गंभीरता से नहीं लेती है तो सरकार का चुनाव में विरोध किया जाएगा और युवाओं की ताकत का एहसास करवाया जाएगा.


ये भी पढ़ें- 


Jaisalmer News: पर्यटन सीजन के पहले फेरे में शाही रेल पैलेस ऑन व्हील्स पहुंची स्वर्णनगरी, सैलानियों का गर्मजोशी से स्वागत