Jaipur News: धौलपुर-भरतपुर जाट आरक्षण पर केंद्र में कल अहम मीटिंग होगी. दिल्ली में ओबीसी आयोग अध्यक्ष हंसराज अहीर के साथ चर्चा होगी, जिसमें राज्य के दो मंत्रियों के साथ जाट आरक्षण आंदोलन से जुड़े प्रतिनिधि भी शामिल होंगे, लेकिन क्या कल केंद्र सुलझ जाएगा जाट आरक्षण का मसला? 


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दिल्ली में आरक्षण पर अहम मीटिंग
राजस्थान के जाट आरक्षण के विवाद पर कल दिल्ली में अहम मीटिंग है. धौलपुर-भरतपुर के जाटों को ओबीसी में शामिल करने की मांग को लेकर कल दिल्ली में फैसला हो सकता है. दोपहर 2 बजे ओबीसी आयोग अध्यक्ष हंसराज अहीर के साथ चर्चा होगी, जिमसें सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत, जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी, एसीएस कुलदीप रांका इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे. 


जाटों का इस बात का विरोध है कि पूरे राज्य के जाटों को आरक्षण का लाभ मिल रहा है लेकिन भरतपुर और धौलपुर के जाटों का आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा. हालांकि राज्य के मंत्री कन्हैयालाल चौधरी कह चुके है इनकी मांग जायज है, आरक्षण के लिए प्रयास कर रहे हैं.


केंद्र से क्यों होगी चर्चा? 
भरतपुर और धौलपुर की जाटों की आरक्षण की मांग वर्ष 1998 से चली आ रही है. वर्ष 2013 में केंद्र में मनमोहन की सरकार ने भरतपुर और धौलपुर के जाटों सहित अन्य नौ राज्यों के जाटों को केंद्र में ओबीसी का आरक्षण दिया था लेकिन अगस्त 2015 में भरतपुर और धौलपुर की जाटों का केंद्र और राज्य में ओबीसी का आरक्षण खत्म कर दिया था इसलिए आरक्षण की मांग को लेकर केंद्र सरकार ही फैसला लेगा.


इन पर राज्य सरकार लेगी निर्णय
जाट आरक्षण आंदोलन में लगे 91 मुकदमों में से अभी भी 25 मुकदमे चले रहे है, जिसे राज्य सरकार वापस लेगी. इसके अलावा ओबीसी आरक्षण से वंचित 56 अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ दिया जाएगा लेकिन ये जब ही संभव है जब केंद्र में आरक्षण का मसला सुलझ जाए. अब ऐसे में देखना होगा कि केंद्र से जाटों को कितनी और कब तक राहत मिल पाएगी.


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