Rajasthan: लेखानुदान में नहीं घटे पेट्रोल-डीजल के दाम.अधिक वैट-राजस्थान में पड़ोसी राज्यों से तेल महंगा.लोकसभा चुनाव की आचार संहिता से पहले वैट कम होने की उम्मीद.पेट्रोल पर 31.04 प्रतिशत और डीजल पर 19.30 प्रतिशत वैट.
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Rajasthan: राजस्थान लेखानुदान (बजट) में पेट्रोल-डीजल पर वैट कम नहीं करने से नाराज राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने आगामी लोकसभा चुनाव में संचालित होने वाले वाहनों को उधार में पेट्रोल-डीजल नहीं देने का फैसला लिया हैं.पेट्रोल पंप संचालक लोकसभा चुनाव में संचालित होने वाले वाहनों को उधार में फ्यूल नहीं देने का निर्णय लिया है.
पहले भुगतान प्राप्त करने के बाद पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति करेंगे.हालांकि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले पेट्रोल डीजल के दाम कम होने की उम्मीद हैं.
केंद्र के बाद अब प्रदेश में भी भाजपा की डबल इंजन सरकार है,पर लोगों को डबल घाटा हो रहा है.बीते डेढ़ साल में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 40 डॉलर तक सस्ती हो गई हैं.इसके बावजूद केंद्र ने तेल के दाम नहीं घटाए हैं.उधर राजस्थान में तेल पर वैट (मूल्य संवर्द्धित कर) अधिक होने से पड़ोसी राज्यों गुजरात, हरियाणा, पंजाब और उत्तरप्रदेश से महंगा पेट्रोल-डीजल मिल रहा है.
दो महीने बाद भी भजनलाल सरकार वैट घटाने पर कोई निर्णय नहीं कर सकी है.देश में अंतिम बार पेट्रोल-डीजल की कीमत 22 मई, 2022 को तय हुई थी.तब कच्चे तेल की कीमत 115 डॉलर प्रति बैरल थी.इसके बाद कच्चे तेल की कीमतें कम होती गईं,लेकिन कम्पनियों ने दाम में कटौती नहीं की.वैसे केंद्र ने 16 जून 2017 से कम्पनियों को तेल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार के अनुसार प्रतिदिन निर्धारित करने की छूट दी थी.
लेकिन 18 महीनों से तेल कम्पनियां मौन हैं.राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के संरक्षक सुनीत बगई का कहना हैं की लेखानुदान बजट में पेट्रोल-डीजल पर वेट कम करने को लेकर कोई घोषणा नहीं करने पर भारी आक्रोश व्यक्त किया है.देश के आमजन, किसानों और पेट्रोल पंप डीलर्स में गहरा असंतोष देखने को मिल रहा है.महंगाई की मार झेल रहे आमजन,किसानों व पेट्रोल पंप डीलर्स को कोई राहत नहीं मिली है.
जबकि विधानसभा के चुनाव में प्रधानमंत्री ने स्वयं इसके संबंध में घोषणा की थी कि यदि राज्य में भाजपा की सरकार बनती है तो पेट्रोल-डीजल के मूल्यों की समीक्षा की जाएगी और उन्होंने इसके संबंध में स्वयं गारंटी दी थी.
प्रदेश में पेट्रोल-डीजल वेट कम करने पर आंकड़ों सहित राज्य सरकार को भी ज्ञापन दिया था और स्पष्ट किया था कि यदि सरकार प्रदेश में पेट्रोल-डीजल पर वेट कम करती है तो सरकार को राजस्व में हानि नहीं बल्कि अप्रत्याशित लाभ होगा.
उन्होंने बताया कि राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने निर्णय लिया है कि जल्द प्रदेश स्तर की कार्यकारिणी बैठक आयोजित कर इसके संबंध में आगामी रणनीति तैयार की जायेगी. आगामी लोकसभा चुनाव में संचालित होने वाले वाहनों को उधार में पेट्रोल-डीजल न देकर पहले भुगतान प्राप्त करने के बाद पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति की जाएगी.
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