Rajasthan Election 2023: 25 नवंबर को राजस्थान में चुनावी प्रक्रिया पूरी हो गई है, और अब तीन दिसंबर को मतगणना होगी. लोगों के मन में वोटों की गिनती के संबंध में कई सवाल हो सकते हैं.आइए जानते हैं कि ईवीएम में डाले गए वोटों की गिनती कैसे होती है:


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ऑफिसर की देखरेख में होती है गिनती
गिनती रिटर्निंग ऑफिसर की देखरेख में होती है. वोटों की गिनती इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट (ईटीपीबी) और पोस्टल बैलेट (पीबी) की गिनती से शुरू होती है. इसके बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में डाले गए वोटों की गिनती इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट (ईटीपीबी) और पोस्टल बैलेट (पीबी) की गिनती के आधे घंटे बाद शुरू हो सकती है.


क्या होता है प्रत्येक राउंड में
प्रत्येक राउंड में एक बार में 14 ईवीएम मशीनों पर ही गिनती होती है. एक राउंड में 14 ईवीएम मशीनों के वोटों को गिना जाता है और इसकी गिनती रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा की जाती है. गिनती के बाद परिणामों को जोड़ने की प्रक्रिया शुरू होती है और इसे ब्लैक बोर्ड पर दर्ज किया जाता है.


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वीवीपैट पर्चियों के नंबरों का मिलान
वीवीपैट पर्चियों के नंबरों का मिलान भी होता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि गिने गए वोटों की संख्या सही है. वीवीपैट पर्चियों को सुरक्षित रखा जाता है और रिटर्निंग ऑफिसर की उपस्थिति में खोला जाता है. अगर वोटों की संख्या मेल खाती है, तो मतदान स्वीकृत होता है।


वोट कहाँ गिने जाते हैं?
वोटों की गिनती के बाद ईवीएम को स्ट्रांग रूम में रखा जाता है और वहां रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा गिनती होती है. गिनती शुरू करने से पहले ईवीएम की सील तोड़ी जाती है और मतगणना के दौरान उम्मीदवार या उसके प्रतिनिधि की मौजूदगी में रहता है.


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डेटा रखा जाता है सुरक्षित 
वोटों की गिनती के बाद डेटा को कंट्रोल यूनिट मेमोरी सिस्टम में सेव किया जाता है, जो डिलीट होने तक सुरक्षित रहता है. गिनती की जिम्मेदारी रिटर्निंग ऑफिसर की होती है और इसका सुनिश्चित होना आवश्यक है कि गिने गए वोटों की संख्या की जिम्मेदारी चुनाव अधिकारी यानी रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) की होती है.