Jaipur News: राजस्थान में गुर्जरों ने आरक्षण के लिए दोनों सरकारे कांग्रेस और बीजेपी के सामने आंदोलन किए.आरक्षण की लड़ाई बहुत बार  रेल की पटरियों तक आई,लेकिन 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले इस आंदोलन ने राजनैतिक रंग ले लिया है. गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति को राजनीतिकरण करने की घोषणा की है.


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राजस्थान में गुर्जरों के आरक्षण की लडाई अब चुनावी गाड़ी पर सवार होकर राजनैतिक पटरी पर आ गई है, क्योंकि जिस संघर्ष समिति के जरिए गुर्जर आरक्षण की लड़ाई लडते थे, अब वहीं समिति चुनावी मैदान में उतरने के लिए तैयार हो गई है. इसके लिए गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने GASS Socio Political'संगठन की घोषणा की है. समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला का कहना है कि 25 लोकसभा,200 विधानसभा,बूथ स्तर पर संगठन संरचना की गई.जल्द ही संगठन के नाम की घोषणा की जाएगी.


राजनैतिक पार्टी की तर्ज पर आरक्षण समिति ने प्रकोष्ठ भी बनाए है. जिसके जरिए समाज को चुनावी के लिए और मजबूत किया जाएगा.


कानून/विधि प्रकोष्ठ:


GASS विधि प्रकोष्ठ को दो कानूनी क्षेत्रों में विभाजित किया गया है. जोधपुर उच्च न्यायलय और जयपुर उच्च न्यायालय में. जिसमें  MBC के 5- 5 अधिवक्ता होंगे.  इसके अलावा पूरे राजस्थान में 25 लोकसभा और 200 विधानसभाओं में MBC समुदाय के लोगों को समय पर कानूनी सलाह,मार्गदर्शन देने के लिए लोकसभा,विधानसभा तहसील के हर स्तर पर अधिवक्ता निर्धारित होंगे.
• महिला प्रकोष्ट:


कर्नल बैंसला के महिला सशक्तिकरण के विजन को सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत महिला विंग तैयार की जा रही है. यह विंग संगठन के ढांचे की तर्ज पर कार्य करेगी.


• आईटी सेल:


आज के अत्यधिक वर्चस्व के सोशल मीडिया परिदृश्य में GASS के सभी कार्यक्षेत्रों की सहायता के लिए एक आईटी सेल का गठन किया गया है.


• युवा प्रकोष्ट :


MBC समुदाय के युवाओं के लिए कोचिंग / कैरियर मार्गदर्शन और किसी भी मुद्दे के समाधान के लिए निरंतर कार्यक्रम सुनिश्चित करने के लिए युवा विंग संगठन के साथ मिलकर चलेगा.


• पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ :


MBC समुदाय के पास सेवानिवृत्त पूर्व सैनिकों का बड़ा आधार है.यह प्रकोष्ठ बूथ स्तर तक लोकसभा विधानसभा की तर्ज पर बना है. यह कार्यक्रमों में समाज को समय और स्थिति के अनुरूप समर्थन देगा विशेष रूप से गाँवों में तीव्र गति से फैल रहे ड्रग्स के क्षेत्र में,अन्य असामाजिक मुद्दों पर.


इसके साथ ही संघर्ष समिति ने देवनारायण योजना,लंबित मुकदमे,प्रक्रियाधीन भर्तियों को लेकर सरकार को घेरा.सरकार को चेतावनी दी है कि 15 दिन में समाधान नहीं निकालते है तो गुर्जर समाज महापंचायत में कडा निर्णय लेगा.


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