Jaipur News: राज्य में कांग्रेस और भाजपा नेताओं के बीच जुबानी जंग आए दिन होती रहती है, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ तथा पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के बीच ट्विटर वॉर दिखाई दिया. गहलोत ने ब्यूरोक्रेसी में बदलाव नहीं होने पर सवाल उठाया तो राठौड़ ने पलटवार किया.


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पसंद के आधार पर अफसरों की तैनाती 
राजस्थान में राजनीतिक दलों की सरकार बदलती है, लेकिन नौकरशाही नहीं...हालांकि सत्ता बदलने के साथ ही नई सरकार के ब्यूरोक्रेसी में भी बड़े स्तर पर बदलाव करने की परंपरा रही है. नई सरकार के मुखिया अपनी पसंद के आधार पर अफसर को तैनात करते आए हैं. इस बार प्रदेश में सरकार बदले 8 महीने हो गए, लेकिन ब्यूरोक्रेसी के आला स्तर पर कोई बड़ा बदलाव नही हुआ है. राज्य की भजन लाल सरकार में तमाम बड़े विभागों में पूर्व कांग्रेस सरकार के समय लगाए अधिकारी ही लगे हैं.


ट्रांसफर न होने पर गरमाई सिसायत 
अब इन अफसरों के बदलाव नहीं होने को लेकर सोशल मीडिया पर सियासत गरमा गई है. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर अपनी सरकार में लगाए गए अफसरों के फैसले को सही ठहराते हुए बीजेपी के तत्कालीन आरोपों पर खारिज किया. हालांकि पूर्व सीएम गहलोत के आरोपों को पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने खारिज करते हुए कहा कि उस समय की सरकार में तो इतनी अनिश्चितता थी कि अधिकारी को एक घन्टे बाद का भी पता नहीं होता था कि कब कहां तबादला कर दिया जाए.


ट्वीटर वार के दौरान सियासी तीर.
दरअसल पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि हमारी सरकार के दौरान भाजपा ने प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी पर तमाम आरोप लगाए थे. हमारी सरकार की ओर से विभिन्न पदों पर IAS, IPS, IFS, RAS, RPS की नियुक्तियों पर भाजपा के साथी अनर्गल टिप्पणियां करते थे. लेकिन आज सरकार के करीब 8 महीने हो जाने के बाद भी सरकार चलाने वाले प्रमुख पदों पर हमारी सरकार के समय लगाए गए अधिकारी ही काबिज हैं. यह दिखाता है कि हमारी सरकार के समय की गईं नियुक्तियां पूरी तरह उचित थीं और भाजपा के आरोप पूरी तरह गलत साबित हुए हैं.


तबादला सूची के इंतजार में अब अधिकारियों के बीच भी असमंजस पैदा हो गया है, जिससे जनता के कार्य प्रभावित हो रहे हैं. सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए कि निकट भविष्य में कोई तबादला सूची नहीं आएगी, जिससे अधिकारी अनिश्चितता छोड़कर काम कर सकें. 


पूर्व सीएम गहलोत के इस बयान पर कैबिनेट मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने पलटवार किया. राठौड़ ने पहले तो कहा कि अशोक गहलोत आपके ट्वीट से आश्वस्त हुआ की आप कुशल हैं. इसके बाद कहा कि अनिश्चितता को आप और आपकी सरकार सर्वोत्तम जानते हैं. आपके समय तो अगला घंटा भी निश्चित नहीं होता था, रही बात भ्रष्टाचार की, घोटाले तभी होते है. जब लीडरशिप की शरण होती है. यह हमसे बेहतर आप जानते हैं. भाजपा सरकार तबादला नीति पर नहीं विकास की नीति पर विश्वास करती है. भाजपा सरकार जनता को सर्वोपरि मानते हुए सबका साथ, सबका विकास के मंत्र पर काम कर रही है और आगे भी करती रहेगी.


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इससे पहले पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी पूर्व सीएम अशोक गहलोत पर पलटवार किया. राठौड़ ने कहा यह जानकर आश्चर्य हुआ कि गहलोत चिंतित है. गहलोत ने ब्यूरोक्रेसी के कांग्रेसीकरण का खूब कुत्सित प्रयास किया था, लेकिन अब समय बदल गया. लोकसेवकों की निष्ठाएं सरकार के प्रति होती है ना कि व्यक्ति विशेष, राजनीतिक पार्टी के प्रति। सरकारें बदलती है, लेकिन लोकसेवक वहीं रहते हैं.


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उनकी जिम्मेदारी सरकारी नीतियों के क्रियान्वयन की होती है. हम लोकसेवकों का आंकलन उनके काम के आधार पर करते हैं, न कि राजनीतिक दृष्टि से. गहलोत की ब्यूरोक्रेसी को लेकर टिप्पणी से हताशा साफ झलक रही है. आपके द्वारा उच्च पदों पर लगाए अधिकारियों का व्यवहार अब आपके अनुकूल नहीं रहा.


आप बदलते परिवेश में ऐसे अधिकारियों का तबादला करवाना चाहते हैं. आप भले ही विपक्ष में हो लेकिन हम आपका पूरा सम्मान करते हैं. सार्वजनिक रूप से नहीं तो व्यक्तिगत रूप से ऐसे अधिकारियों का नाम बता सकते हैं,
विश्वस्त हूं आपकी जायज मांगों को जरूर पूरा किया जायेगा.


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