गणेश चतुर्थी 2022: गणेशजन्मोत्सव के मौके पर गजानन को लगी सिंजारे की मेहंदी
Sinjara Festival Jaipur: भाद्रपद शुक्ल तृतीया को सिंजारा महोत्सव धूमधाम से मनाया गया. गणेश मंदिरों में प्रथम पूज्य को मेहंदी लगाकर श्रद्धालुओं को वितरित की गई. मेहंदी लेने के लिए श्रद्धालु गणेश मंदिरों में उमड़ पड़ी.
Sinjara Festival Jaipur: भाद्रपद शुक्ल तृतीया को सिंजारा महोत्सव धूमधाम से मनाया गया. गणेश मंदिरों में प्रथम पूज्य को मेहंदी लगाकर श्रद्धालुओं को वितरित की गई. मेहंदी लेने के लिए श्रद्धालु गणेश मंदिरों में उमड़ पड़े. घरों में भी सिंजारा महोत्सव पर बच्चों के हाथों पर मेहंदी लगाई गई. गढ़ गणेश मंदिर में महंत प्रदीप औदीच्य के सान्निध्य में बाल स्वरूप पुरुषाकृति गणपति को वेद मंत्रों के साथ मेहंदी धारण कराकर श्रद्धालुओं को वितरित की गई. मोतीडूंगरी गणेश मंदिर में गणेशजी महाराज का विशेष श्रृंगार कर सिंजारे की मेहंदी धारण कराई गई.
3100 किलो मेहंदी का प्रसाद वितरण
महंत कैलाश शर्मा के सान्निध्य में भक्तों को 3100 किलो मेहंदी का प्रसाद वितरण किया गया. महिलाओं और कुंवारी कन्याओं को डोरा एवं मेहंदी दी गई. बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं मनौति सूत्र भी बांधकर अपनी मनोकामना गणपति के समक्ष रखी. गणेश चतुर्थी पर मोतीडूंगरी गणेश जी को विशेष पोशाक धारण कराकर चांदी के सिंहासन पर विराजमान किया गया. प्रथम पूज्य के शीश पर स्वर्ण मुकुट आकर्षण का केन्द्र रहा.
गणेशजी महाराज का पारंपरिक नौलखा शृंगार किया गया
इस मौके पर गणेशजी महाराज का पारंपरिक नौलखा शृंगार किया गया. नोलड़ी के नोलखा हार में मोती, सोना, पन्ना, माणक आदि के भाव स्वरूप दर्शाए गए. सिंजारा महोत्सव पर भक्ति संध्या और रात्रि जागरण हुआ. बड़ी चौपड़ स्थित ध्वजाधीश गणेश में गौरव मेहता और आनंद मेहता ने सिंदूरी चोला चढ़ाकर मेहंदी अर्पित की. सूरजपोल के स्थित श्वेत सिद्धी विनायक मंदिर में महंत मोहन लाल पांडे ने प्रथम पूज्य को मेहंदी अर्पित की.
केसर जल से स्नान कराकर सिंदूरी चोला चढ़ाया गया
चांदपोल के परकोटा गणेश मंदिर में गणेशजी महाराज का दूध और केसर जल से स्नान कराकर सिंदूरी चोला चढ़ाया गया. नवीन पोशाक धारण कराकर आकर्षक श्रृंगार किया गया. इसके बाद गणेशजी महाराज को मेहंदी अर्पित की गई. बड़ी मात्रा में श्रद्धालुओं को भी मेहंदी वितरित की गई. दोपहर से देर शाम तक महिला मंडल की ओर से गणेशजी महाराज का गुणगान किया गया.
5100 दीपों से महाआरती की गई
इसके बाद 5100 दीपों से महाआरती की गई. ब्रह्मपुरी माऊंट रोड पर स्थित दाहिनी सूंड के नहर के गणेश मंदिर में महंत पं. जय शर्मा के सान्निध्य में गणपति को नवीन चोला चढ़ाकर पारंपरिक श्रृंगार किया गया. मेंहदी पूजन के बाद मोदकों की झांकी सजाई गई.