Jaipur: जिले कि फुलेरा विधानसभा के सांभर लेक को जिला बनाने की मांग आजादी के बाद से ही चली आ रही है, लेकिन सरकार की अनदेखी के चलते हर बार सांभर लेक को दरकिनार किया गया. ऐसे में अब फिर से एक बार सांभरलेक को जिला बनाने की मांग तेज हो गई है. लोगों को यकीन है कि इस बार अशोक गहलोत सरकार सांभर लेक को जिला बनाकर नमक का कर्ज अदा करेगी. कस्बे और आसपास क्षेत्र में जिला बनाने को लेकर अभियान चला जा रहा है और 22 अगस्त को सांभर लेक बंद का आह्वान कर विशाल जनसभा आयोजित की जाएगी, जिसमें मुख्यमंत्री और हाई लेवल जिला कमेटी अध्यक्ष रामलुभाया के नाम उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा जाएगा. सांभरलेक विश्वविख्यात नमक की झील के साथ ही धार्मिक, पौराणिक और पर्यटन नगरी है. किसी जमाने में यहां नमक का विशाल कारोबार चलता था, जिससे राज्य सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व भी मिलता था साथ ही सांभरलेक सहित आसपास क्षेत्र के लाखों लोगों को रोजगार भी मिलता था. सांभरलेक को जिला बनाया जाता है तो उसका खोया अस्तित्व फिर से लौट आएगा.


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छह दशकों से क्षेत्र की जनता को इंतजार


सांभरलेक को जिला बनाने के लिये करीब छह दशकों से क्षेत्र की जनता इंतजार कर रही हैं, लेकिन प्रदेश सरकार की ओर से समय समय पर नव जिला सृजित करने के लिये गठित की गयी कमेटी के समक्ष भेजे गये सैंकड़ों प्रस्ताव पर कोई फैसला नहीं आया. राजा महाराजा के समय जोधपुर और जयपुर की सम्मलित राजधानी सांभर लेक हुआ करती थी, दोनों रियासतों के यहां दरबार लगा करते थे, लेकिन सरकार की अनदेखी के चलते धीरे-धीरे सांभरलेक अपना अस्तित्व खोता जा रहा है. आजादी के बाद से सांभरलेक को जिला घोषित करवाने के लिये प्रमुखता से इस मांग को उठाया जा रहा है. वर्ष 2012 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व कमेटी के अध्यक्ष रहे रिटायर्ड आईएएस जीएस संधु को क्षेत्र की तमाम भौगोलिक व ऐतिहासिक जानकारी के साथ वे सभी जरूरी आंकड़े उपलब्ध करवाये गये थे, जो किसी क्षेत्र को जिला बनाये जाने के लिये प्रमुख आधार रखते है. उस वक्त प्रदेश के मुखिया गहलोत ने सांभरलेक को जिला का दर्जा दिलवाये जाने पर विचार करने का पूरा भरोसा दिलाया था. उसके बाद निवर्तमान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भी वरिष्ठ अधिवक्ता नरेन्द्र कुमार शर्मा के सानिध्य में नये सिरे से इस आशय का ज्ञापन प्रस्तुत किया गया था, लेकिन आज तक सांभर लेक को जिला बनाने की मांग को पूरा नहीं किया गया. ऐसे में अब फिर से साँभरलेक को जिला बनाने की मांग तेज हो गई है. 


धार्मिक, ऐतिहासिक और पर्यटन नगरी के साथ विश्व की सबसे बड़ी नमक की झील है सांभर 


सांभर लेक को जिला बनाया जाता है तो, राजस्थान सरकार के लिए न केवल आर्थिक और प्रशासनिक लिहाज से लाभकारी है, बल्कि इससे सामाजिक-सांस्कृतिक उद्भव भी होगा. एक मोटा अनुमान है, सांभरलेक जिला मुख्यालय स्थापित होने के बाद राजस्थान सरकार को तीन हजार करोड़ रुपए से अधिक के अतिरिक्त राजस्व की जहां प्राप्ति हो सकेगी, वहीं एक लाख से अधिक युवाओं को रोजगार के नये अवसर भी सृजित होंगे. यही वजह है कि प्रदेश में जहां-जहां से जिला बनाने की जो मांग आ रही है, उसमें सांभर सबसे पहले रिजर्व करता है. राजस्थान में प्रशासनिक इकाइयों के पुनर्गठन के क्रम में जिला बनाने की मांग को लेकर आई सिफारिशों की अनुशंसा को लेकर जो समिति पूर्व प्रशासनिक अधिकारी रामलुभाया की अध्यक्षता में बनी है, उसकी अंतरिम और अंतिम रिपोर्ट अभी आना बाकी है, पर अधिकारिक सूत्रों के अनुसार जिला बनाने के क्रम में राजस्थान के सबसे प्राचीन कस्बे सांभरलेक को वरीयता मिलती दिख रही है.


Reporter - Amit Yadav


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