Hanuman Ji Marriage : श्रीराम भक्त हनुमान का विवाह सुर्वचला के साथ हुआ था. जो सूर्य के तेज से उत्पन्न हुई थी. विवाह के बाद भी हनुमान जी ब्रह्मचारी ही कहलाते हैं. इसके पीछे एक दिलचस्प कहानी है.


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बजरंगबली सूर्य देवता को अपना गुरु मानते थे. सूर्य देव के पास 9 दिव्य विद्याएं भी थी. इन सभी विद्याओं का ज्ञान बजरंग बली लेना चाहते थे. सूर्य देव ने इन 9 में से 5 विद्याओं का ज्ञान हनुमानजी को दे दिया था.


लेकिन बाकी की 4 विद्याओं के लिए सूर्य देव के सामने एक संकट खड़ा हो गया था. शेष 4 दिव्य विद्याओं का ज्ञान सिर्फ उन्हे ही दिया जा सकता था जो कि विवाहित हों.


हनुमानजी बाल ब्रह्मचारी थे, इस कारण सूर्य देव उन्हें शेष 4 विद्याओं का ज्ञान देने में असमर्थ थे. ऐसे में सूर्य देव ने हनुमानजी से विवाह करने की बात कही. पहले तो हनुमानजी विवाह के लिए नहीं माने लेकिन 4 विद्यायों का लालच मिलने के लिए हामी भर दी. Zodiac : इन 4 राशिवालों पर रहती है हनुमान जी की विशेष कृपा, हर संकट से बचाते हैं बजरंगबली


अब सूर्यदेव ने अपने तेज से कन्या को जन्म दिया. जिसका नाम सुर्वचला था. सूर्य देव ने हनुमान जी को सुवर्चला से शादी करने को कहा और ये भी कहा कि  सुवर्चला से विवाह के बाद भी तुम सदैव बाल ब्रह्मचारी ही रहोगे, क्योंकि सुवर्चला विवाह के बाद पुन: तपस्या में लीन हो जाएगी.


चूंकि सुवर्चला किसी गर्भ से नहीं जन्‍मी थी. बल्कि सूर्य के तेज से उनका जन्म हुआ था.  ऐसे में उससे शादी करने के बाद भी हनुमान जी के ब्रह्मचर्य में कोई बाधा नहीं पड़ी और बजरंग बली हमेशा ब्रह्मचारी ही  रहें.


आपको बता दें कि तेलंगाना के खम्‍मम जिले में हनुमान जी और उनकी पत्‍नी सुर्वचला का मंदिर है. जहां ज्‍येष्‍ठ शुद्ध दशमी को हनुमान जी के विवाह पर धार्मिक आयोजन होते हैं. 


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