Jaipur News : राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय से जुडे नर्सिंग कॉलेज में शिक्षकों के स्वीकृत पदों पर नियुक्ति को लेकर प्रमुख स्वास्थ्य सचिव से शपथ पत्र पेश कर जानकारी देने को कहा है. ऐसा नहीं करने पर अदालत ने प्रमुख सचिव को 16 अगस्त को हाजिर होकर अपना स्पष्टीकरण देने को कहा है. अदालत ने प्रमुख सचिव को शपथ पत्र पेश कर बताने को कहा है कि स्वीकृत पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आरयूएचएस की ओर से भेजे पत्र के संबंध में क्या कार्रवाई की जा रही है. सीजे एजी मसीह और जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश ग्लोबल फाउंडेशन फॉर नर्सिंग प्रोफेशन एंड सोशल सर्विसेज की जनहित याचिका पर दिए.


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जनहित याचिका में अधिवक्ता आशीष शर्मा ने बताया कि राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के अधीन स्ववित्तपोषित नर्सिंग कॉलेज संचालित किया जाता है. इस नर्सिंग कॉलेज का संचालन ठीक प्रकार से नहीं हो रहा है. कॉलेज में आज तक नियमानुसार भर्ती नहीं हुई है और सभी शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर लगाए गए हैं. इसके अलावा इन शिक्षकों के पास इंडियन नर्सिंग कौंसिल की ओर से तय मापदंडों के हिसाब से अनुभव भी नहीं है. जिसके चलते कॉलेज के विद्यार्थियों को स्तरीय शिक्षा नहीं मिल पा रही है.


याचिका में कहा गया कि प्रतिनियुक्ति पर जो शिक्षक लिए गए हैं, वे अधिकांश स्टाफ नर्स हैं. जिन्हें बीच सत्र में कई बार ड्यूटी पर भी बुला लिया जाता है और इस दौरान अस्थाई तौर पर प्रतिनियुक्ति पर दूसरे स्टाफ नर्स को लगा दिया जाता है. जबकि नियमानुसार शिक्षकों की नियुक्ति स्थाई रूप से की जानी चाहिए. इसके अलावा नियमों में हर दस विद्यार्थियों पर एक शिक्षक होना चाहिए. जबकि यहां तय मापदंड से काफी कम शिक्षकों को नियुक्त किया गया है. प्रकरण में आरयूएचएस ने भी राज्य सरकार को पत्र लिखकर स्थाई नियुक्ति के लिए स्वीकृति मांगी है, लेकिन अब तक राज्य सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने प्रमुख स्वास्थ्य सचिव को शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में शपथ पत्र पेश करने को कहा है.


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