Happy Hypoxia: पिछले 4 साल में कोविड की आमद के बाद से ही लोग अपनी  हेल्थ को लेकर तमाम सावधानियां बरत रहे हैं लेकिन अभी तक कोविड से पूरी तरह से मुक्ति नहीं मिल सकी है. वहीं, कोविड का इंफेक्शन झेल चुके लोग तमाम पोस्ट कोविड प्रभावों से पीड़ित दिखाई दे रहे हैं तो तमाम लोगों में हार्ट से जुड़ी समस्याएं भी दिखाई दे रही हैं. 


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दरअसल इस बात की चर्चा इसलिए भी जरुरी है क्योंकि राजस्थान के ही पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने हाल ही में कोविड से ठीक होने के बाद अपना जो अनुभव शेयर किया है वो काफी चौंकाने वाला है. पूर्व सीएम अशोक गहलोत के मुताबिक, उनको 'हैप्पी हाइपॉक्सिया' का सामना करना पड़ता है. ऐसे में जानिए इस बीमारी के लक्षण क्या-क्या है. 


'हैप्पी हाइपोक्सिया' के लक्षण 
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो इसके प्रमुख लक्षणों में से सबसे खास बात ये है कि ब्लड में ऑक्सीजन की कमी होने के बावजूद मरीज को सांस लेने में कोई तकलीफ आदि का सामना नहीं करना पड़ता है. वहीं, धीरे-धीरे शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने से ये जानलेवा हो सकता है. इस बीमारी के पूरी तरह से लक्षण ना पता लगने की वजह से इसे  'हैप्पी हाइपोक्सिया' और 'साइलेंट हैप्पी हाइपोक्सिया' का नाम दिया गया है. 


आमतौर पर शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो के चलते सांस लेने में परेशानी होना और सांस फूलने जैसी परेशानी होने लगती हैं लेकिन 'हैप्पी हैप्पी हाइपोक्सिया' में शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने पर भी कुछ दिक्कत नहीं होती है. 



ज़ी राजस्थान ने जब संबंध में सीनियर फिजिशयन डॉ. राजेश केसरी की एक्सपर्ट एडवाइज जानी तो उनका कहना है कि कोविड और स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियों से ठीक होने के बावजूद मरीज को अपने स्वास्थय पर बहुत अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है. 


ऐसे में मरीज को चाहिए कि वो बीमारी के दौरान और ठीक होने के बाद भी ऑक्सीमीटर से अपना ऑक्सीजन लेवल लगातार चेक करें क्योंकि जरा सी भी लापरवाही स्वास्थय को विपरीत रुप से प्रभावित कर सकती है इसलिए जरा भी आशंका होने पर परेशानी को अपने डॉक्टर से शेयर करने में देरी न करें.  


डॉ. राजेश केसरी, सीनियर फिजिशियन 


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