Jaipur News : वीरांगनाओ के जयपुर में दिए जा रहे धरने के मामले में नया मोड़ आया है. पुलिस ने देर रात को धरना दे रही वीरांगनाओं को धरनास्थल से उठाकर उनके घर भिजवा दिया. शाहपुरा के गोविंदपुरा बासडी निवासी वीरांगना मंजू जाट व उसके देवर जितेन्द्र को पुलिस घर के छोड़ने के बजाय अंजान जगह ले गई. वीरांगना व उसके देवर के बारे में उनके परिजनों तक जानकारी नहीं है. वीरांगना व जितेन्द्र का मोबाइल भी बंद है और कोई सम्पर्क नहीं हो रहा है. इसको लेकर वीरांगना के परिजन आशंकित है.


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वीरांगना के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो रहा है. वह बार बार जितेन्द्र व मंजू से बात कराने की कह रहे है. उन्होंने आरोप लगाया कि देर रात को पुलिस जितेंद्र को लेकर उनके घर आई और मंजू की तबियत खराब होने की बात कहकर जितेंद्र व उसकी पत्नी को साथ ले गई. इसके बाद पुलिसकर्मियों ने दोनों के मोबाइल भी बंद करवा दिया. दोनों से उनका कोई सम्पर्क नहीं हो रहा है. इसको लेकर उन्हें चिंता सता रही है. उन्होंने कहा कि अगर उनके बच्चो को कुछ होता है तो वे हाईकोर्ट जाएंगे. उनकी मांग जायज है. सरकार उन पर दबाव बनाकर जबरन धरना समाप्त करवाना चाहती है.


गौरतलब है कि पुलवामा शहीद वीरांगनाओं के धरने का मामला गरमाता जा रहा है. पुलिस ने अल सुबह पहले वीरांगनाओं को मध्यरात्रि धरना स्थल से उठाया, उसके बाद राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाला मीणा को हिरासत में लिया. इस बीच मीणा की तबीयत बिगड़ी तो उन्हें सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती कराया गया. इधर पुलिस ने एसएमएस पहुंचे बीजेपी नेताओं और सांसद मीणा के भाई को भी उनसे मिलने से रोक दिया. इसके बाद उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने सरकार की इस हठधर्मिता के खिलाफ शनिवार को बीजेपी कार्यकर्ताओं के सड़क पर उतरने का दावा किया.


Reporter- Amit Yadav