जयपुर से रवाना हुई भगवान श्री निष्कलंक प्रतिमा की शोभायात्रा, पूर्व मुख्यमंत्री ने की शोभायात्रा की पूजा
राजे ने कहा कि धाम पर 27 नवंबर से 2 दिसंबर तक विशाल धार्मिक आयोजन होंगे और मेरा सौभाग्य है कि आज इस अवसर पर पूजा अर्चना करने का मौका मिला है.
Jaipur: वागड़ प्रयाग बेणेश्वर धाम पर श्री राधा कृष्ण मंदिर के स्वर्ण शिखर, 11 हजार कलशों की शोभायात्रा और 1008 कुंडीय विष्णुयाग के साथ दशावतार भगवान की प्रतिमाओं की स्थापना की जाएगी. आज जयपुर के श्री गोविंद देव मंदिर से महंत अच्युतानंद महाराज के सानिध्य में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने निष्कलंक भगवान के रथ की शोभायात्रा को रवाना किया, इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा से पहले पूजा की.
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राजे ने कहा कि धाम पर 27 नवंबर से 2 दिसंबर तक विशाल धार्मिक आयोजन होंगे. मेरा सौभाग्य है कि आज इस अवसर पर पूजा अर्चना करने का मौका मिला है. उधर, राजस्थान में चल रहे सियासी घटनाक्रम को लेकर किए गए सवाल पर वसुंधरा राजे ने चुप्पी साधे रखी. दरअसल दशावतार भगवान की प्रतिमाओं में से 10वें अवतार भगवान श्री निष्कलंक भगवान की प्रतिमा जयपुर के सुलेमान में गुजरात के पाटन स्थित रानी बाग में श्री निष्कलंक भगवान के तर्ज पर तैयार की गई.
इस प्रतिमा की विशाल शोभायात्रा आज जयपुर से रवाना की गई है जो साबला तक करीब 700 किलोमीटर 14 धार्मिक स्थलों के 8 दिनों की यात्रा प्रस्तावित है. पीठाधीश्वर अच्युतानंद महाराज ने कहा कि विष्णुयाग महायज्ञ सम्पूर्ण विश्व शांति और कल्याण के लिए किया जा रहा है. हम ईश्वर के निमित मात्र है. इस धार्मिक आयोजन के फलस्वरूप हमारी वर्तमान पीढ़ी के साथ आने वाली सात पीढ़ी तर जाएगी.
Reporter: Deepak Goyal
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