Pakistan: पाकिस्तान में कब्र में बेटियों से दुष्कर्म तो पिता ने लगाए ताले,जानिए क्या है पूरी सच्चाई
Pakistan: पाकिस्तान की एक खबर इन दिनों चर्चित हो रही है. दरअसल मामला काफी संवेदनशील और दिल को झकझोर देने वाला है. खबर ये है कि पाकिस्तान में बेटियों की मौत के बाद भी उनके पैरेंट्स को बेटियों से रेप होने का डर सताता है. लेकिन खबर को लेकर सवाल उठ रहे हैं. ये कब्र पाकिस्तान में नहीं भारत के हैदराबाद में है.
Pakistan: पाकिस्तान से एक हैरान करने वाली खबर है.जिससे इंसानियत शर्मसार हो रही है. पाकिस्तानी माता-पिता अब अपनी मृत बेटियों की कब्र पर ताले लगाकर उन्हें दुष्कर्म से बचाने की कोशिश कर रहे हैं.यह खबर सुनकर हर कोई हैरान हो रहा है. कुछ रिपोर्टों से पता चला है कि देश में नेक्रोफिलिया के मामले बढ़ रहे हैं.लेकिन जब सच कि पड़ताल की गई तो ये कब्र पाकिस्तान में नहीं भारत के हैदरबाद की है.
हैदराबाद में है ये कब्रिस्तान
आपको बता दें कि हैदराबाद के पुराने शहर स्थित मादन्नापेट इलाके में एक कब्रिस्तान है.मुखबिरा-सालारूल-मुल्क कब्रिस्तान यहां दराबजंग कॉलोनी के जामिया मस्जिद के पास स्थित है.एक साल पहले एक बुजुर्ग महिला को यहां दफनाया गया था.परिवार वालों ने कब्र को इसलिए लॉक कर दिया,ताकि कोई और वहां किसी शव को न दफना सके.
खूद पीट रहा सिर
अब्दुल जलील नाम का एक शख्स अपने किसी रिश्तेदार को यहां दफ्नाने गया था,जब उसकी नजर हरे रंग के ग्रिल वाले कब्र पर पड़ी.जलील ने तस्वीर क्लिक करके सोशल मीडिया पर डाल दिया.अब एक साल बाद सोशल मीडिया पर झूठे दावे के साथ वो ही तस्वीर वायरल हो गई.
जलील खुद भी अपना सिर पीट रहे हैं कि आखिर उनके द्वारा शेयर की गई तस्वीर पर कितना बड़ा झूठ गढ़ दिया गया.देश की सबसे बड़ी न्यूज एजेंसी द्वारा शेयर किए जाने और अन्य तमाम मीडिया संस्थानों द्वारा झूठे दावे को कवर किए जाने के बाद जलील फिर उसी कब्र पर पहुंचे. इस बार वह लॉक लगे कब्र की सच्चाई बता रहे हैं.
सूत्रों और रिपोर्ट्स की मानें तो पाकिस्तान,जिसे अपने परिवार-उन्मुख मूल्यों पर बहुत गर्व है,वहां हर दो घंटे में एक महिला के साथ दुष्कर्म किया जाता है.यह लोगों के सामूहिक विवेक पर एक कड़ा प्रहार है.
विचारधारा दोषी
एक रिपोर्ट में बताया गया कि महिलाओं की कब्रों पर लगे ताले का दिल दहला देने वाला दृश्य पूरे समाज के लिए शर्म से अपना सिर झुकाने के लिए काफी है. यह इस बात को साबित करता है कि समाज तथाकथित महिलाओं को सम्मान की नजरों से देखने की कभी हिम्मत नहीं करता. एक पूर्व-मुस्लिम नास्तिक कार्यकर्ता और "द कर्स ऑफ गॉड, व्हाई आई लेफ्ट इस्लाम" पुस्तक के लेखक हैरिस सुल्तान ने इस तरह के घृणित कृत्यों के लिए कट्टरपंथी इस्लामवादी विचारधारा को दोषी ठहराया.
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