Jaipur: सैनिक कल्याण राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के विधायकों की बगावत पर सवाल उठाए हैं. गुढ़ा ने कहा कि गांधी परिवार की वजह से ये बने हैं, आज उन्हीं को आंख दिखा रहे हैं. नगरीय आवास मंत्री धारीवाल और जलदाय मंत्री महेश जोशी पर आरोप लगाए कि कांग्रेस का टिकट नहीं हो तो ये लोग सरपंच का चुनाव नहीं जीत सकते हैं.


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राजस्थान में अशोक गहलोत के बाद अगले मुख्यमंत्री का नाम तय करने के लिए रविवार को कांग्रेस ऑब्जर्वर जयपुर आए. पूर्व केंद्रीय मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रदेश प्रभारी अजय माकन कांग्रेस ऑब्जर्वर के रूप में विधायक दल की बैठक में रायशुमारी करने आए थे. इधर, बैठक से पहले ही नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर गहलोत समर्थक विधायकों ने समानांतर बैठक बुला ली. बैठक में उन्होंने सरकार के खिलाफ बगावत करने वाले अर्थात पायलट को सीएम नहीं बनाने की बात रखी. केंद्र नेतृत्व पर दबाब बनाने के लिए उन्होंने अपने इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को सौंप दिए.


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इधर, सोमवार को मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने विधायकों के अलग बैठक करने पर सवाल उठा दिए. उन्होंने धारीवाल व महेश जोशी पर आरोप भी लगाए. गुढ़ा ने कहा कि उम्र के आखिरी पड़ाव में धारीवाल ने अच्छा नहीं किया. कांग्रेस सचेतक ने पहले ऑब्जवर्र के लिए सीएमआर बैठक में बुलाया, इसके बाद किसी और जगह बैठक के लिए बुला लिया.


पूरी जिंदगी कांग्रेस की दुहाई, अब क्या ‌?
मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने बगावत पर सवाल उठाया किया पूरी जिंदगी कांग्रेस की दुहाई देने वाले क्या कर रहे हैं ? वो लोग मानेसर गए थे, ये तो उनसे भी ज्यादा बुरा काम कर रहे हैं. गांधी परिवार और अनुशासन की दुहाई देने वाले ये लोग कांग्रेस अलाकमान के फैसले को नहीं मान रहे हैं, उल्टा बगावत कर रहे हैं.


सरपंच का चुनाव भी नहीं जीत सकते-
गुढ़ा ने कहा कि कांग्रेस का टिकट नहीं होता इनके पास तो ये मंत्री क्या सरपंच नहीं बन पाते. नेहरू गांधी परिवार की वजह से ये लोग बने हैं और आज उन्हीं को आंख दिखा रहे हैं. हम लोगों ने दो बार अल्पमत कांग्रेस सरकार को बचाया. मेरे बसपा के वोट नहीं बल्कि मेरे व्यक्तिगत वोट हैं.


इस्तीफों की संख्या को लेकर सवाल उठाया -
गुढ़ा ने धारीवाल के घर पहुंचने और इस्तीफा देने वाले विधायकों की संख्या पर भी सवाल उठाया. वो कह रहे थे कि 90 से ज्यादा विधायक थे, लेकिन सारे सीनियर विधायक परसमराम मोरदिया रीटा, गुरमीत कुन्नर, नरेंद्र बुढानिया सहित 30 से 40 एमएलए सीएमआर थे. विश्वेंद्र सिंह नहीं आए, भंवरलाल बीमार है, फिर इतनी संख्या में कैसे हो सकते हैं.


पांच मंत्री बनाए तो फिर परहेज क्यों -
गुढ़ा ने कहा कि पहले बगावत करने वालों में पांच जनों को मंत्री बना दिया गया है तो अब मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार करने से परहेज क्यों ? बगावत करने वाले विधायक एक बार सोचते कि सरकार बचाने वाले 102 विधायकों में हम भी शामिल थे.


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