Jaipur: राजस्थान पुलिस में हथियारों की संख्या पांच गुना बढ़ गई है, लेकिन उन हथियारों का रख रखाव करने तथा जांचने वाले हाथ उतने ही है. अगर बात करे  आर्मोरर की, जिन पर हथियारों के रख रखाव से लेकर ट्रेनिंग में हथियार चलाने के गुर सिखाने की जिम्मेदारी  होती है. तो इस वक्त राजस्थान पुलिस में उनकी स्थिति हथियारों की तुलना में बेहद कम है.


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बता दें कि, बदलते दौर के साथ राजस्थान पुलिस में पुलिसकमिर्यों के साथ ही हथियारों की संख्या भी बढ़ी है. पुलिसकर्मियों को आधुनिक तकनीक के हथियार  तो मिले है, लेकिन उन हथियारों का ठीक ढंग से रख रखाव करने वाले उपलब्ध नहीं है.  क्योंकि पुलिस में हथियारों  के रख रखाव से लेकर उनकी मरम्मत आदि के लिए आर्मोरर के पद  रिक्त हैं.


 गौरतलब है कि, पुलिस में कांस्टेबल से इंस्पेक्टर तक आर्मोरर के पद हैं. पुलिस के सभी जिलों, यूनिट, प्रशिक्षण संस्थान,  सीआईडी आईबी जोन में निरीक्षक, कम्पनी कमांडर,  एसआई,  प्लाटून कमाण्डर, हैडकांस्टेबल, कांस्टेबल आर्मोरर कार्यरत हैं.


कहा कितने कार्रयत है आर्मोरर
 वर्तमान में राजस्थान पुलिस के कुल 75 जिला, यूनिट, प्रशिक्षण संस्थानों में 294 स्वीकृत पदों की तुलना में 266 ही कार्यरत हैं.  वर्तमान में स्टाफ की नफरी पूर्व हथियारों की संख्या 20 हजार थी उसी पर आधारित है.


बता दें कि, इस समय  विभाग के पास वर्तमान में अत्याधुनिक श्रेणी के एक लाख से ज्यादा हथियार एवं इनके स्पेयर पार्टस उपलब्ध है. पर इन्हें संभालने के लिए  आर्मोरर कम है, इसके लिए पुलिस मुख्यालय ने आर्मोरर के 74 नए पद बढ़ाने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है.  प्रस्ताव में प्रत्येक जिले में एक आर्मोर, रेंज पर इंस्पेक्टर, कम्पनी कमांडर की मांग की गई है


 क्या काम करते है  आर्मोरर


आर्मोरर पुलिस कस्टडी में रखे हथियारों को सुधारना, शस्त्रागार में रखे हथियारों की उचित व्यवस्था, सभी औजारों और स्पेयर पार्टस की रक्षा के लिए उत्तरदायी होते हैं.


समय-समय पर  केंद्र एवं राज्य सरकार से जारी परिपत्रों एवं आर्म्स एक्ट  की  रीति से फायर आर्म्स को निष्क्रिय करना एवं निष्क्रियकरण का प्रमाण पत्र जारी करते हैं 


नए हथियार लाईसेंस के लिए आवेदनकर्त्ता को प्रशिक्षण देने तथा शस्त्र संचालन का प्रमाण पत्र जारी करना 


जिला, यूनिटों के सभी  हथियारों का नियमानुसार त्रैमासिक, वार्षिक निरीक्षण में पाई गई कमियों का सुधार करते रहना 


टूट-फूट की मरम्मत, पुर्जों की बदली एवं सभी हथियारों के रिब्राउनिंगे, फॉसपेटिंग, पेटिंग करने का काम करना


हथियारों की हिस्ट्रीशीट निर्धारित प्रोफार्मा अनुसार संधारित करना 


नव भर्ती आरक्षक, कमाण्डो, ईआरटी, पीसीसी के प्रशिक्षणार्थियों को फायरिंग करवाना


जिला, यूनिट के सभी अधिकारी, कर्मचारियों से उनके नामजद हथियार द्वारा सालाना फायरिंग करवाना


फायरिंग अभ्यास के दौरान फायरिंग बट पर उपस्थित रहकर हथियारों में पड़ने वाली रोक दूर कर हथियार को दुरूस्त करना


नये प्राप्त हथियारों की एक्यूरेसी टेस्ट करना तथा एक्यूरेसी में कमी पाये जाने पर जिरोइंग कर हथियार को दुरूस्त करना


3/25 आर्म्स एक्ट के हथियारों का मुआयना रिपोर्ट प्रस्तुत करनी तथा न्यायालय में साक्ष्य देना


विभाग द्वारा आयुध फैक्ट्रीयों से खरीदे जा रहे नये हथियारों को प्राप्ति के समय फैक्ट्री में भलीभांति जांच कर निरीक्षण किया जाना


विभाग में उपलब्ध नाकारा, अनुपयोगी हथियारों एवं साज सामान का निस्तारण


स्कैप में परिवर्तित कर निस्तारण हेतु निर्धारित कार्रवाई बोर्ड ऑफ आफिसर्स की देख-रेख में, मैटल फैक्ट्री में गलवा कर नष्टीकरण करवाकर उसका प्रमाण पत्र प्राप्त करने का काम करना


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