International Day for the Elimination of Violence against Women 2022: हर 11 मिनट में एक महिला को मिलती है अपनो के हाथों मौत
International Day for the Elimination of Violence against Women 2022: समाज में महिलाओं का सम्मान गिरने में जीतनी तेजी हो रही है उतनी तेजी से उनके प्रति अपराधिक मामले भी बढ़ते जा रहे है.
Violence against Women 2022: मुंबई की श्रद्धा वॉकर के लिव इन पार्टनर आफताब ने उसकी हत्या कर 35 टुकड़ों में काट दिया. यूपी की 22 साल की आयुषी को उसके ही पिता ने मार डाला, क्योंकि उसने अपनी पसंद से शादी की थी. इस तरह के मामले आये दिन अखबार की से पटे पड़े हुए हैं. यह केसिस होना मानो ऐसा लगता है जैसे समाज का अहम हिस्सा बन्न गया है क्योंकि जितनी तेजी से महिलाओं का सम्मान कागजों पर सिमटता जा रहा है, उतनी ही तेजी से ये अपराध का भयानक रूप ले रहे है.
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उपर बताएं दोनों ही केसिस में कॉमन बात यह है कि दोनों की हत्या उनके अपनों ने की थी. जिससे कहीं न कहीं ये साबित हो जाता है की महिलाओं का अपनों पर विश्वास करना कितना भारी पड़ रहा है. क्योंकि एक रीसर्च में पाया गया है कि पूरी दुनिया में महिलाओं को उनके अपनों से ही सबसे खतरा है. क्योंकि हर 11 मिनट में एक महिला को उसके अपने ही मार देते हैं. फिर चाहे वह उसका प्रेमी हो या बचपन में उंगली पकड़ कर चलना सिखाने वाले उसके माता पिता.
इस बात को उठाया है यह यूएन सेक्रेटरी जनरल एंटियो गुटेरस (António Guterres) ने 25 नवंबर को होने वाले ‘इंटरनेशनल डे फॉर द एलिमिनेशन ऑफ वायलेंस अगेंस्ट वुमन’ से ठीक पहले एक समेललन में कही है.
यूएन सेक्रेटरी ने यह भी कहा कि दुनिया भर में महिलाओं के साथ बढ़ रही हिंसा चिंता का विषय बन गई है. इस विषय पर सरकारों को आगे आना होगा और उनकी सुरक्षा के लिए स्थाई कदम उठाने होंगे. सरकारों को महिला संगठनों या आंदोलन के लिए फंड में 50% की बढ़ोतरी करनी चाहिए.
फैमिली मेंबर या पार्टनर मार देते हैं लड़की को
हर 11 मिनट में एक लड़की का मर्डर उसके घरवाले या पार्टनर कर देते हैं. 'प्रोग्रेस ऑन द सस्टेनबल डेवलपमेंट गोल: द जेंडर स्नैपशॉर्ट्स 2022' की रिपोर्ट में ये बात सामने आई है. इस रिपोर्ट को यूएन वुमन और यूएन स्टैटिक्स डिवीजन ने साथ मिलकर जारी किया है. कई देशों और अलग क्षेत्रों में रिसर्च के दौरान ये बात सामने आई कि घरेलू हिंसा एक गंभीर मुद्दा है.
कोविड के दौरान महिलाओं के साथ हिंसा ज्यादा
रिपोर्ट में ये कहा गया है कि पूरी दुनिया में 15-49 साल की लड़कियों और महिलाएं सबसे ज्यादा हिंसा की शिकार होती हैं. इस एज ग्रुप की हर 10 में से एक महिला यौन, शारीरिक और मौखिक तौर पर हिंसा की शिकार हुई है. उनके साथ ऐसा करने वाला कोई बाहरी नहीं बल्कि उनका पार्टनर रहा. साथ ही पैंडेमिक के दौरान चार में से एक महिला ने लगातार घर में हिंसा झेली है.
राजस्थान है बेहतर स्थिति में
वहीं अगर देश के क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बड़े राज्य यानी मरूधरा की बात की जाए तो राजस्थान में महिलाओं से संबंधित अपराधित आकंड़े में राजस्थान की स्थिति भी उतनी बेहतर नहीं है, लेकिन अन्य राज्यों के लिहाज से यहां महिलाओं पर हुए अपराधिक मामले अक्टूबर माह में संतोषजनक है. अक्टूबर 2022 में 538 मामले समाने आए है. जिनमें ऐसे मामले शामिल है जिनमें महिलाएं अपनों से ज्यादा शिकार हुई है.
मिराबल सिस्टर्स के सम्मान में किया जाता है सेलिब्रेट
साल 1981 में कुछ वुमन राइट्स एक्टिविस्टों ने 25 नवंबर को जेंडर बेस्ड वायलेंस के रूप में मनाया. यह दिन मिराबल सिस्टर्स के सम्मान में मनाया गया था. डोमिनिकन गणराज्य में मिराबल सिस्टर्स राजनीतिक कार्यकर्ता थीं. साल 1960 में देश शासक राफेल ट्रूजिलो के आदेश पर चार बहनों में से तीन बहनों की बर्बरता से हत्या कर दी गई. ये तीन बहनें राफेल के खिलाफ क्रांति का चेहरा थीं. 20 दिसंबर 1993 को जनरल एसेंबली ने रेज्योलूशन के जरिए महिलाओं के खिलाफ हिंसा खत्म करने का लक्ष्य तय किया.
फिर साल 2000 में 7 फरवरी को जनरल एसेंबली ने एक और रेज्योलूशन को अपनाया. इसमें आधिकारिक तौर पर 25 नवंबर को महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में चुना. साथ ही, सरकारों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ-साथ गैर-सरकारी संगठनों को एक साथ जुड़ने और संगठित करने के लिए आमंत्रित किया. इस मुद्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए दुनिया भर में कार्यक्रम किए जाते हैं.
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