जयपुर: मेट्रो की स्थाई लोक अदालत ने पानी के चालू मीटर को बंद बताकर ज्यादा राशि का बिल जारी करने को सेवा दोष करार देते हुए पीएचईडी विभाग पर 16 हजार रुपए का हर्जाना लगाया है. वहीं पीएचईडी को निर्देश दिया है कि वह नवंबर 2021 से जनवरी 2022 के बिल की राशि 352 रुपए व अंडर प्रोटेस्ट जमा करवाई राशि 1766 रुपए को परिवादी के आगामी बिलों में समायोजित करें और मीटर रीडिंग लेने वाले व बिल बनाने में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करें. स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष हरविन्दर सिंह व सदस्य सीमा शार्दुल ने यह आदेश जवाहर नगर निवासी अनुज माथुर के परिवाद पर दिए.


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परिवाद में कहा कि उसने विभाग से पानी का कनेक्शन ले रखा है, लेकिन विभाग बिल जारी करने में लगातार अनियमितताएं बरत रहा है. मीटर रीडर ने मीटर को नोट वर्किंग दिखाया है, जबकि वह चालू है. इसके अलावा एक बिल में मीटर को अघरेलू श्रेणी में दर्शा रखा है, जबकि वह घरेलू श्रेणी में आता है. परिवादी ने विभाग के अफसरों से संपर्क कर उन्हें अनियमितता की जानकारी दी, लेकिन फिर भी सुधार नहीं हुआ. 


इसके अलावा कनेक्शन कटने की धमकी के कारण उसे अंडर प्रोटेस्ट ज्यादा बिल राशि जमा करवानी पड़ी. इसलिए अनियमितता के दोषी कर्मचरियों के खिलाफ कार्रवाई कर उसे क्षतिपूर्ति दिलवाई जाए. स्थाई लोक अदालत ने माना कि पीएचईडी विभाग के कर्मचारियों ने मामले में लापरवाही बरती है. इसलिए परिवादी विभाग से क्षतिपूर्ति राशि प्राप्त करने का अधिकारी है.


Reporter- Mahesh Pareek


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