Jaipur: सीएम अशोक गहलोत ने दी प्रदेश को करोड़ों के विकास कार्यों की सौगात
राजस्थान की जनता को गुरूवार को सीएम गहलोत ने 3324 करोड़ की विकासकारी सौगात दी है. गुरुवार को प्रदेश में 3324 करोड़ की लागत से बनी 113 सड़कों का शिलान्यास व लोकार्पण का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए किया. जिसमें 3324 करोड़ रूपए की लागत की 3063 किमी लंबाई की सड़कों, आरओबी और पुलों के निर्माण कार्य शामिल है.
Jaipur: राजस्थान की जनता को गुरूवार को सीएम गहलोत ने 3324 करोड़ की विकासकारी सौगात दी है. गुरुवार को प्रदेश में 3324 करोड़ की लागत से बनी 113 सड़कों का शिलान्यास व लोकार्पण का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए किया. जिसमें 3324 करोड़ रूपए की लागत की 3063 किमी लंबाई की सड़कों, आरओबी और पुलों के निर्माण कार्य शामिल है.
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इस वीसी के जरिए सीएम ने कहा कि सड़कों का विकास नागरिक जीवन की मूलभूत आवश्यकता है. जहां सड़कों का विकास होगा, वहां नागरिकों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और अधिक से अधिक उद्योगों की स्थापना होगी. राज्य सरकार प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए प्रतिबद्ध है.
सड़कों की गुणवत्ता तय करना सरकार का काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों की गुणवत्ता सुनिश्चित करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है. इसके लिए निरीक्षण प्रणाली को और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा तथा गुणवत्ता नियंत्रण शाखा के अधिकारियों के जरिए सघन निरीक्षण भी सुनिश्चित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं करने तथा उचित मापदण्डों के अनुसार सड़कों का निर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध है.
ठेकेदारों से रखे समन्वय
गहलोत ने कहा कि विभागीय अधिकारी ठेकेदारों से समन्वय कर सड़क बनने के बाद जरूरी रख रखाव को देखे. इसके लिए ठेकेदारों के साथ किए गए अनुबंध में मौजूद सभी शर्तों की को लागू करवाई जाए. साथ ही अधिकारी नियमित और औचक दौरे कर निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करें.
गहलोत ने कहा कि किसी भी राज्य में निवेश एवं विकास के लिए बेहतक सड़क तंत्र पहली शर्त होती है. सभी विकसित देशों की प्रगति के पीछे उनकी उन्नत सड़कें एक मुख्य कारण हैं. राज्य में अक्टूबर में होने जा रही इन्वेस्ट राजस्थान समिट से पहले प्रदेश सरकार के निवेशकों के साथ लगभग 11 लाख करोड़ रूपए के एमओयू साइन कर लिए गए हैं. निवेशकों के प्रदेश में दिखाई जा रही रूचि के पीछे राज्य का सड़क इन्फ्रास्ट्रक्चर एक प्रमुख वजह है. राष्ट्रीय व राज्य राजमार्गों के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण मुख्य जिला सड़कों, अन्य जिला सड़कों तथा ग्रामीण सड़कों का निर्माण कर विकास में राज्य के सभी क्षेत्रों की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है.
गहलोत ने आगे कहा कि प्रदेश में इस बार सभी जिलों में अच्छी बरसात हुई है, जिसके कारण कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति भी पैदा हो गई है. मानसून में हुई अतिवृष्टि / बाढ़ के कारण सड़कों को भारी नुकसान भी हुआ है. इसलिए विभागीय अधिकारियों को 20 अक्टूबर तक विशेष अभियान चलाकर सभी क्षतिग्रस्त सड़कों को ठीक कराने के निर्देश दिए गए. उन्होंने कहा कि सभी जिलों में सड़कों की मरम्मत के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे. संसाधनों में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी.
ठेकेदारों के साथ किए गए अनुबंधों की पालना करवाते हुए दोष निवारण अवधि के दौरान सड़कों में हुई किसी भी प्रकार की टूट-फूट की तुरंत मरम्मत के लिए उन्हें बुलाया जाए. गहलोत ने कहा कि राज्य में लगातार सड़कों का निर्माण और विकास हो रहा है. पिछले साढ़े 3 वर्षों में राज्य में 42,384 किलोमीटर लंबाई की सड़कों के विकास के लिए 25,395 करोड़ रूपये की लागत से 10.546 विकास कार्यों की स्वीकृतियां जारी की गई हैं. उन्होंने कहा कि यह सरकार के प्रयासों का ही परिणाम है कि आज राज्य की सड़कें गुणवत्ता की दृष्टि से पड़ोसी राज्य गुजरात से बेहतर स्थिति में हैं.
बैठक में बताया गया कि सड़कों की ज्यादा आयु एवं बेहतर रख-रखाव सुनिश्चित करने के लिए विभाग द्वारा विभिन्न नवाचार किए जा रहे हैं. इसी क्रम में 'कोल्ड मिक्स टेक्नोलोजी' के माध्यम से क्षतिग्रस्त सड़कों की शीघ्र तथा टिकाऊ मरम्मत का कार्य किया जा रहा है. क्षतिग्रस्त हो चुकी सड़कों की उपयोग योग्य सामग्री का इस्तेमाल नई सड़कों में किया जा रहा है। सेल फिल्ड जैसी तकनीक का उपयोग कर ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छी गुणवत्ता की सीमेंटेड सड़कें बनाई जा रही हैं. साथ ही, अपशिष्ट प्लास्टिक का उपयोग भी सड़क निर्माण में किया जा रहा है.
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