Jaipur News : पीएचईडी विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार का खुलासा करने के बाद एसीबी का पूरे प्रकरण में गहन अनुसंधान जारी है. रिश्वत देते और लेते गिरफ्तार किए गए सभी 6 आरोपी 10 अगस्त तक एसीबी की रिमांड पर हैं. जिनसे अलग-अलग चरणों में और आमने-सामने बैठा कर एसीबी अधिकारियों द्वारा पूछताछ की जा रही है. वहीं, इस पूरे प्रकरण को लेकर एसीबी मुख्यालय में एफआईआर दर्ज की गई है. एसीबी द्वारा इस पूरे प्रकरण में 10 से अधिक लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें 9 लोगों को नामजद किया गया है. वहीं प्रकरण में संलिप्त अन्य लोक सेवक व प्राइवेट व्यक्तियों को भी एफआईआर में जांच के दायरे में लिया है.


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पीएचईडी विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार को लेकर एसीबी ने पीएचईडी के बहरोड़ अधिशासी अभियंता मायालाल सैनी, नीमराना के कनिष्ठ अभियंता प्रदीप कुमार, सहायक अभियंता राकेश सिंह, श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी सुपरवाइजर मलकेत सिंह, ठेकेदार पदमचंद जैन, प्राइवेट व्यक्ति प्रवीण कुमार अग्रवाल, गणपति ट्यूबवैल कंपनी ठेकेदार महेश मित्तल, प्राइवेट व्यक्ति उमेश शर्मा, पियूष जैन और अन्य लोक सेवक व प्राइवेट व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. 


नियमित दी जाती थी रिश्वत


एसीबी द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में इस बात का जिक्र किया गया है कि गोपनीय सूत्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार पीएचईडी विभाग के टेंडर प्राप्त करने, बिलों के भुगतान, कार्य में अनियमितताओं के लिए अवैध संरक्षण प्राप्त करने के लिए ठेकेदार पदमचंद जैन द्वारा संबंधित लोक सेवकों को रिश्वत राशि नियमित रूप से प्रदान की जा रही है. 


एसीबी द्वारा किए गए इंटरसेप्शन में यह पता चला कि पदमचंद जैन अपने साले महेश मित्तल के साथ मिलकर पीएचईडी के बहरोड, अलवर व अन्य स्थानों के टैंडर प्राप्त किए. काम को समय पर पूरा नहीं किया जा रहा था और अनियमितताओं को छिपाने व काम जारी रखने के लिए जैन द्वारा संबंधित अधिकारियों को भारी रिश्वत दी जा रही थी. 


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रिश्वत लेकर अधिकारी करने देते थे मनमानी


रिश्वत लेकर पीएचईडी विभाग के अधिकारी जैन को मनमानी करने दे रहे थे. जैन और उसके साले महेश मित्तल के बीच में हरियाणा के अधिकारियों से मिलीभगत कर चोरी के पाइप 60 प्रतिशत छूट पर खरीदने और उसे राजस्थान में चल रहे प्रोजेक्ट में लगाने की डील होने की बात भी सामने आई है. जिंदल वाले का माल 20—20 गाडी में लोड कर मंगवाने और उसे रास्ते में उतरवा कैश में डील करने की बात भी सामने आई है.


एसीबी द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि पीएचईडी के बहरोड़ अधिशासी अभियंता मायालाल सैनी खुद तो रिश्वत लेता ही है और अपने उच्चाधिकारियों तक रिश्वत पहुंचाने के माध्यम का काम भी करता है. पदमचंद जैन द्वारा जब रिश्वत देने के लिए पीएचईडी के कर्मचारियों को जयपुर स्थित होटल में बुलाया गया तो पदमचंद जैन ने पहले बिल पास करने और उसके बाद रिश्वत की राशि देने की डील की. 



रिश्वत लेने के लिए सभी को जयपुर बुलाया


जैन की फर्म द्वारा पूर्व में किए गए कार्यों में भयंकर फर्जीवाड़ा करने के चलते एईन बिलों पर साइन करने से डर गया, जिस पर एईएन को रिश्वत देकर बिल पास कराने की बातचीत की गई. इसके बाद रिश्वत लेने के लिए सभी को जयपुर बुलाया गया जहां कार्रवाई करते हुए एसीबी ने 2.20 लाख रुपए की रिश्वत लेते और देते हुए आरोपियों को दबोच लिया. 


आरोपियों की तलाश जारी


वहीं, प्रकरण में फरार चल रहे अन्य आरोपियों की तलाश जारी है. प्रकरण में कई लोक सेवकों की भूमिका संदिग्ध है, जिनके बारे में जांच की जा रही है. रिश्वत की राशि और किन अधिकारियों तक पहुंचाई जा रही थी इसके बारे में गहन अनुसंधान किया जा रहा है. प्रकरण में एसीबी की जांच लगातार जारी है, जो तथ्य एफआईआर में सामने आए हैं उन्हें वेरीफाई किया जा रहा है. साथ ही देखना होगा की इस रिश्वत के खेल में और कितने चेहरे उजागर होते हैं.


Reporter- Vinay Pant


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