Rajasthan News: राजस्थान में दीपावली के बाद तेजी से बढ़ा प्रदूषण, सीतापुरा इलाके में AQI 318 पार
Jaipur News: राजस्थान में लगातार प्रदूषण बढ़ता जा रहा है और दीपावली पर इसका ग्राफ और ऊपर बढ़ गया है. दीपावली पर लोगों ने जमकर आतिशबाजी की और पटाखे जलाए, जिसकी वजह से वायु प्रदूषण एक रात में तेजी से बढ़ गया.
Rajasthan News: पिंक सिटी के साथ-साथ राजस्थान के कई शहरों की हवा में प्रदूषण का जहर बढ़ गया है. दीपावली पर हुई चाइनीज आतिशबाजी के कारण शहर-शहर में हवा में पॉल्यूशन बढ़ता चला गया. जयपुर में सीतापुरा और मुरलीपुरा में सबसे ज्यादा प्रदूषण का स्तर देखा गया. राजस्थान में माउंट आबू और जालौर जिले को छोड़कर सभी जिलों में AQI 150 के लगभग पहुंच गया है. राजस्थान के सभी बड़े शहरों में दीपावली पर इसका ग्राफ तेजी से बढ़ा है. दीपावली के दिन राजधानी जयपुर के सीतापुरा इलाके में AQI 318 पार कर गया है. पूरे जयपुर का ओवरऑल AQI 245 तक पहुंच गया है. राजस्थान में सबसे तेजी से जयपुर में AQI बढ़ रहा है, जिसमें वायु प्रदूषण के साथ ध्वनि प्रदूषण भी तेजी से बढ़ रहा है.
एक्सपर्ट के अनुसार, प्रदूषण के स्तर को एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) से मापा जाता है, ये ऐसा नंबर होता है, जिससे हवा की गुणवत्ता के बारे में जानकारी मिलती है, एक्यूआई को 8 मानकों से तय किया जाता है, जिनमें पीएम 10, पीएम 2.5, एनओ 2, एसओ 2, सीओ 2, एनएच 3 पीबी होते हैं.
दीपावली पर राजस्थान के इन जिलों में रहा AQI ग्राफ
राजस्थान में दिवाली पर हर जिले में AQI का ग्राफ तेजी से बढ़ा है. जो बेहद चिंताजनक हैं. इसके अलावा अगर बात करें जिले अनुसार AQI तो जयपुर में 146, अजमेर में 147, अलवर में 164, भीलवाड़ा, बीकानेर और चूरू में 155, श्रीगंगानगर में 154, जैसलमेर में 163, जोधपुर में 160, कोटा में 158, पाली में 186, टोंक में 153 रहा. यहां तक की उदयपुर में कल तक AQI 100 से कम था लेकिन दिपावली की रात को यह 142 तक पहुंच गया. राजस्थान में सबसे ज्यादा भिवाड़ी इलाके का AQI है. जहां लगातार AQI तेजी से खराब हो रहा हैं.
AQI कैसे समझे ?
0-50 तक का AQI अच्छा माना जाता है. बल्कि 400-500 तक का AQI जानलेवा बीमारियों को जन्म देता है. एक्यूआई का स्तर 100 तक नॉर्मल माना माना जाता है. इससे ज्यादा एक्यूआई लेवल होने पर अस्थमा और फेफड़ों के मरीजों को जोखिम बढ़ जाता है. इसके अलावा 300 से ज्यादा होने पर एयर क्वालिटी वेरी पुअर मानी जाती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एयर क्वालिटी इंडेक्स और वैल्यू स्टैंडर्ड को 6 कैटेगरी में बांटा है जिसमें AQI का स्तर 50 से 500 तक होता है.
AQI देती है इन बीमारियों को जन्म
AQI के नॉर्मल स्तर से ऊपर जाते ही हार्ट व अस्थमा के मरीजों में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं होती है. जिसमें सेंसिटिव लोगों को सांस लेने में दिक्कत, अस्थमा और दिल के मरीजों पर तेजी से असर, सामान्य लोगों में सांस और फेफड़ों की बीमारियों के असर दिखना शुरू हो जाते हैं. राजस्थान में अक्टूबर माह में 250 से ऊपर AQI रहा. आपको बता दें AQI के स्तर को खराब करने के लिए कई कारण होते है. जिनमें वाहनों की आवाजाही बढ़ना, इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन बढ़ना, घरों में होने वाली सफाई से डस्ट और पटाखों के धुएं से होने वाला प्रदूषण शामिल है.
AQI प्रदूषण से बचने के लिए खास टिप्स
अगर इलाके की हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ता दिखे तो भी AQI से बचा जा सकता है जिसमें प्रदूषण अधिक होने पर एन95 व एन99 मास्क का प्रयोग करें, साथ ही एयर पॉल्यूशन अधिक होने पर पानी अधिक पीएं, बिना जरूरी काम घर से बाहर निकलने से परहेज करें, अस्थमा के मरीज अपने साथ इनहेलर साथ में रखें, इसके अलावा घर में एयर प्यूरीफायर का प्रयोग कर सकते हैं.
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