Jaipur News: बीसलपुर बांध में 4 जिलों की प्यास बुझाने के लिए 65 प्रतिशत पानी का स्टोरज हो गया.अगले साल अगस्त-सितंबर तक बांध 1 करोड लोगों की भी प्यास बुझा सकेगा.लेकिन इसके बावजूद ये प्यास अधूरी रहेगी.क्योंकि डिमांड के मुताबिक जलदाय विभाग सप्लाई करने में नाकाम साबित हो रहा है.आखिरकार प्रोजेक्ट पर प्यास कैसे भारी पड रही,देखिए इस खास रिपोर्ट में!


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जयपुर,अजमेर,टोंक और दौसा जिले प्यास बुझाने वाले बीसलपुर प्रोजेक्ट से 1 करोड 5 लाख की आबादी को 1434 MLD सप्लाई होनी चाहिए,लेकिन बांध से जलदाय विभाग को 1000 MLD ही पानी मिल पा रहा है.प्रभावित इलाकें लगातार बढते जा रहा है,लेकिन पानी की मात्रा पीएचईडी बढा नहीं रहा है.बीसलपुर 14 कस्बे और 3310 गांवों की प्यास बुझा रहा है,लेकिन ये प्यास अधूरी है.


डिमांड के मुताबिक सप्लाई नहीं-
प्रोजेक्ट................. अभी सप्लाई........... अभी डिमांड


सांभर में 61.34MLD अभी सप्लाई और डिमांड 84.22 MLD


चाकसू में 7.61 MLD अभी सप्लाई और डिमांड 108.83 MLD


जयपुर में अभी सप्लाई 535 MLD और डिमांड 806.44 MLD


बगरू में अभी सप्लाई 1.1 MLD और डिमांड  19.23 MLD


टोंक-उनियारा में अभी सप्लाई 63.65 MLD और डिमांड 66.06 MLD


अजमेर में अभी सप्लाई. 333 MLD और डिमांड 350.52 MLD


करोडों लीटर पानी बर्बाद 
बीसलपुर बांध की क्षमता 315.50 मीटर है,जिसमें अब तक 331.51 मीटर पानी का गेज दर्ज किया गया है.त्रिवेणी नदी 3.10 मीटर की उचाई पर बह रही है.बांध में गर्मियों के लिए भरपूर पानी आ गया,लेकिन इसके बावजूद डिमांड के मुताबिक जलदाय विभाग प्यास नहीं बुझा पाएगा.जबकि बांध ओवरफ्लो होगा तो करोड़ों लीटर पानी बर्बाद हो गया जाएगा.


कब कब कितना बर्बाद हुआ पानी
बीसलपुर बांध से 2004 में पहली बार गेट खोले गए.जब 26 टीएमसी पानी छोडा गया था.दूसरी बार 2006 में 43 टीएमसी.तीसरी बार 2014 में 11 टीएमसी.चौथी बार 2016 में 135 टीएमसी और पांचवी बार 2019 में 93 टीएमसी पानी छोडा गया था.छठी बार 2022 में पहली बार हुआ था जब बांध के सभी 18 गेट खोले गए.यदि बनास नदी पर बने पानी की योजना पहले बना ली होती है आज ये प्यास अधूरी ना होती.