Jaipur News: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने ऐप आधारित धोखाधड़ी वाली निवेश योजना से संबंधित एक मामले की जारी जांच में भारत के 10 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में 30 स्थानों को सम्मिलित करते हुए एक व्यापक राष्ट्रव्यापी तलाशी अभियान चलाया. तलाशी में मोबाइल फोन, कंप्यूटर हार्ड ड्राइव, सिम कार्ड, एटीएम/डेबिट कार्ड, ईमेल खाते एवं विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेजों सहित महत्वपूर्ण डिजिटल साक्ष्य जब्त किए गए. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सीबीआई ने दो निजी कंपनियों एवं उनके निदेशकों के विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 120-बी के साथ पठित धारा 419 और धारा 420 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66 डी के तहत दो निजी कंपनियों तथा उनके निदेशकों सहित आरोपियों के विरुद्ध मामला दर्ज किया. 


इसमे आरोप है कि एचपीज़ेड टोकन ऐप (HPZ Token App) से संबन्धित धोखाधड़ी वाली निवेश योजना में आरोपी संलिप्त थे. इस योजना में जनमानस को गैर-मौजूद क्रिप्टो-मुद्रा खनन मशीन किराए में निवेश करने हेतु बहकाना शामिल था. एचपीजेड एक ऐप-आधारित टोकन है, जो उपयोगकर्ताओं को बिटकॉइन एवं अन्य क्रिप्टो मुद्राओं के लिए खनन मशीनों में निवेश करके बड़े लाभ का वादा करता है. जालसाजों ने कथित तौर पर एक कार्यप्रणाली का प्रयोग किया जो पीड़ितों को बिटकॉइन खनन में उनके निवेश पर भारी मुनाफा के बहाने एचपीजेड टोकन ऐप में निवेश करने के लिए लुभाता था. 


अब तक की जांच से पता चला है कि आरोपियों से संबंधित लगभग 150 बैंक खातों का प्रयोग, निवेशकों से धन एकत्र करने हेतु किया गया. प्रारम्भ में इन धनराशियों का उपयोग विश्वास बढ़ाने के लिए भुगतान हेतु किया जाता था, फिर अवैध रूप से भारत से बाहर स्थानांतरित किया जाता था. प्रायः क्रिप्टोकरेंसी में परिवर्तित किया जाता था या हवाला लेनदेन के माध्यम से स्थानांतरित किया जाता था. इस मामले में की गई तलाशी, धोखाधड़ी योजना को खत्म करने और आरोपियों के खिलाफ सबूत इकट्ठा करने के लिए चल रही जांच में एक महत्वपूर्ण कदम है. इस मामले में आगे की जांच जारी है.  


यह भी पढ़ेंः फिर पलटी मारेगा राजस्थान का वेदर, मौसम विभाग ने बारिश का जारी किया अलर्ट


यह भी पढ़ेंः राजस्थान से गुजरात जा रही थी बस, आधी रात में बदमाशों ने मारपीट कर की लूटपाट


यह भी पढ़ेंः राजस्थान की वो जगह, जहां सास शादी से पहले ही करने लगती है बहू की सेवा