Jaipur : राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत का सबसे ज्यादा ध्यान स्वास्थ्य सुविधाओं पर रहता है. गहलोत सरकार के साढ़े चार साल के कार्यकाल में इस सेक्टर का सबसे ज्यादा ध्यान रखा गया. बात चाहे मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की हो या मुख्यमंत्री निःशुल्क स्वास्थ्य योजना इन सभी योजनाओं में आखिरी छोर पर बैठे उस मरीज का सीएम गहलोत ने अपनी योजनाओं में सबसे ज्यादा ध्यान रखा है जो महंगा ईलाज करने की आर्थिक स्थिति में नहीं है. 


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राजस्थान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एसएमएस में अकेले हृदय विभाग में मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना के तहत करीब 8 हजार दिलों को राहत दी है. मंगलवार को ही राजस्थान स्टेट हैल्थ एश्योरेंस एंजेसी की 8वीं गवर्निंग बाडी की बैठक सीएस की अध्यक्षता में हुई , जिसमें आंकड़ा सामने आया कि अब तक मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना से प्रदेश के 1 करोड़ 40 लाख से ज्यादा परिवार जुड़ चुके हैं. 


मंहगाई राहत कैम्पों में  93 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन


योजना में पंजीकृत परिवारों में से 93 प्रतिशत से ज्यादा परिवारों ने मंहगाई राहत कैम्पों में रजिस्ट्रेशन करवा लिया है. योजना में अब तक 4965 करोड़ से ज्यादा की राशि व्यय कर 44 लाख 95 हजार से ज्यादा मरीजों को कैशलेस उपचार का लाभ दिया जा चुका है. राज्य बजट घोषणा की अनुपालना में योजना से जुड़े लोगों को राज्य से बाहर अंग प्रत्यारोपण की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए विभाग के द्वारा दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं. 


अब योजना से जुड़ा कोई भी व्यक्ति राज्य के बाहर भी अंग प्रत्यारोपण करवाकर योजना का लाभ ले सकता है. राज्य के बाहर अंग प्रत्यारोपण के लिए जाने वाले मरीज व उसके एक सहयोगी के हवाई जहाज से आने-जाने के लिए 1 लाख रुपये तक की राशि के पुनर्भरण का प्रावधान भी किया गया है.


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