Jaipur news: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को घाटोल बांसवाड़ा के मोटा गांव में महंगाई राहत कैंप का निरीक्षण किया. इस दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार सर्वांगीण विकास के द्वारा राजस्थान को देश में मॉडल स्टेट बनाने के लिए कृतसंकल्पित है. इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए सरकार आदिवासी क्षेत्र के विकास को विशेष प्राथमिकता दे रही है. गहलोत रविवार को बांसवाड़ा की घाटोल तहसील के मोटागांव में 672.50 करोड़ रूपए के विभिन्न विकास कार्यों का शिलान्यास किया.


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 उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले 5 साल में आदिवासी क्षेत्र में विकास की गंगा बहाई है. जनजाति विकास कोष की राशि को 100 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 500 करोड़ रुपए किया गया है. इससे क्षेत्र के सर्वांगीण विकास की संकल्पना साकार होगी. इससे रोजगारोन्मुखी गतिविधियों के साथ ही कृषि, शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा, आधारभूत संरचना सहित अन्य कार्य कराए जाएंगे.


मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासियों को सामुदायिक वनाधिकार पट्टे वितरित किए जा रहे हैं. राज्य में आदिवासी विश्वविद्यालय खोला जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में नए एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूलों का संचालन शुरू हो चुका है.  गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने बांसवाड़ा को संभाग घोषित किया है. इससे क्षेत्र में सभी विभागों के कार्यालय खुलेंगे और त्वरित विकास होगा. लोगों को अपने कार्यों के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा. इस अवसर मुख्यमंत्री ने गनोड़ा तहसील को पंचायत समिति बनाने की भी घोषणा की.


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मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करे केंद्र ..
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासियों के द्वारा आजादी के लिए किया गया त्याग और बलिदान इतिहास में दर्ज होना चाहिए. उन्होंने कहा कि गोविन्द गुरू के बलिदान को सम्मान देने के लिए राज्य सरकार गोविंद गुरू पैनोरमा का निर्माण करवा रही है.  गहलोत ने कहा कि मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित कराने की दिशा में भी राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है. 


केंद्र सरकार से मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित कराने के लिए कई बार आग्रह के बावजूद प्रधानमंत्री ने अपने बांसवाड़ा दौरे में भी इसकी घोषणा नहीं की. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी मानगढ़ धाम को या तो राष्ट्रीय स्मारक घोषित करें या फिर मना कर दे. केंद्र सरकार द्वारा ऐसा नहीं किए जाने पर राज्य सरकार राज्य निधि से मानगढ़ में विकास कार्य कराएगी.


जनता को मिली महंगाई के बोझ से राहत ...
गहलोत ने कहा कि प्रदेशभर में महंगाई राहत कैम्प लगाए जा रहे हैं, इससे आमजन पर महंगाई का बोझ कम हुआ है. इन शिविरों के माध्यम से 10 योजनाओं के द्वारा लोगों को अधिकतम राहत पहुंचाई जा रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेशवासियों को 500 रुपए में गैस सिलेण्डर, 25 लाख रुपए तक का निःशुल्क इलाज, न्यूनतम 1000 रुपए पेंशन, दुधारू पशुओं का बीमा, अन्नपूर्णा फूड किट, मुख्यमंत्री ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना और इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना में 125 दिन के रोजगार की गारन्टी देकर राहत दी जा रही है.



हर क्षेत्र में हो रहा विकास
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में 1 लाख किलोमीटर सड़क का निर्माण करा रही है, जिसमें से 56 हजार किलोमीटर सड़कें बन चुकी है तथा शेष का कार्य जारी है. जल जीवन मिशन के माध्यम से घर-घर तक जल पहुंचाया जा रहा है. इसमें आने वाले खर्च का 55 प्रतिशत हिस्सा राज्य सरकार वहन कर रही है, जिसमें जनता के हिस्से का 10 प्रतिशत अंश भी शामिल है. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने अपने कार्यकाल में 303 कॉलेज खोले हैं, जिनमें से 130 गर्ल्स कॉलेज हैं. 500 से ज्यादा बालिकाओं वाले विद्यालयों को महाविद्यालय में क्रमोन्नत करने का महत्वपूर्ण फैसला किया गया है.


केंद्र सरकार सामाजिक सुरक्षा कानून लागू करे....
गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने कानून बनाकर लोगों को स्वास्थ्य का अधिकार दिया है. राज्य के लगभग 1 करोड़ लोगों को न्यूनतम 1 हजार रूपए सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जा रही है, जिसमें प्रतिवर्ष 15 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी का प्रावधान है. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार को भी सामाजिक सुरक्षा कानून बनाकर वृद्धजनों, दिव्यागों और असहाय वर्ग को सामाजिक सुरक्षा देनी चाहिए.


महंगाई राहत कैम्प में लाभार्थियों से संवाद
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर महंगाई राहत कैंप और प्रशासन गांवों के संग अभियान के तहत आयोजित शिविर का अवलोकन किया. उन्होंने लाभार्थियों को योजनाओं के गारंटी कार्ड सौंपकर उनसे संवाद किया और मिल रहे लाभ का फीडबैक भी लिया.  गहलोत ने राजीविका मिशन के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों को 50 पचास हजार ऋण राशि के चैक सौंपे.  गहलोत ने महात्मा गांधी राजकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूल, मोरड़ीगढ़ी के विद्यार्थियों से भी बातचीत की. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आदिवासी कलाकारों द्वारा प्रस्तुत गैर लोकनृत्य देखा और उनकी कला को सराहा.



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इन विकास कार्यों का हुआ शिलान्यासः-


माही परियोजना की बांयी मुख्य नहर आरडी 0 से 15 किमी तथा भुंगडा नहर मय वितरण प्रणाली का सुदृढ़ीकरण एवं नवीनीकरण कार्य लागत राशि 100.05 करोड़


माही परियोजना के गनोड़ा, लोहारिया, असोडा, खोडन डिस्ट्रीब्यूटरीज मय वितरण प्रणाली का सुदृढ़ीकरण एवं नवीनीकरण कार्य लागत राशि 65.62 करोड़


माही परियोजना की नरवाली डिस्ट्रीब्यूटरी, कंठाव माइनर, जगपुरा, हारो नहर मय वितरण प्रणाली का सुदृढ़ीकरण एवं नवीनीकरण कार्य लागत राशि 82.34 करोड़


माही परियोजना की दांयी मुख्य नहर आरडी 0 से 16 किमी तक मय वितरण सिस्टम का सुदृढ़ीकरण एवं नवीनीकरण कार्य लागत राशि 32.20 करोड़


माही परियोजना की दांयी मुख्य नहर आरडी 16 से 52.20 किमी तक मय वितरण सिस्टम का सुदृढ़ीकरण एवं नवीनीकरण कार्य लागत राशि 33.31 करोड़
माही परियोजना की दांयी मुख्य नहर आरडी 52.20 किमी से टेल तथा करणपुर डिस्ट्रीब्यूटरी मय वितरण सिस्टम का सुदृढ़ीकरण एवं नवीनीकरण कार्य लागत राशि 16.50 करोड़


माही परियोजना की बांयीं मुख्य नहर 15 से 36.12 किमी छींच डिस्ट्रीब्यूटरी, बागीदौरा, माइनर मय वितरण प्रणाली का सुदृढ़ीकरण एवं नवीनीकरण कार्य लागत राशि 84.00 करोड़
माही परियोजना की अरथूना वितरिका आरडी 2.5 से 20 किमी तथा जीकेजी वितरिका मय वितरण प्रणाली का सुदृढ़ीकरण एवं नवीनीकरण कार्य लागत राशि 60.90 करोड़


माही परियोजना की अरथूना वितरिका आरडी 20 किमी से टेल तक मय वितरण प्रणाली सुदृढ़ीकरण एवं नवीनीकरण कार्य लागत राशि 25.40 करोड़
माही परियोजना की परसोलिया वितरिका मय वितरण प्रणाली सुदृढ़ीकरण एवं नवीनीकरण कार्य लागत राशि 35.80 करोड़


घाटोल-बांसवाड़ा खमेरा नहर वितरण प्रणाली (MIS I-IV) फव्वारा सिंचाई परियोजना का कार्य लागत राशि 136.40 करोड़