Jaipur News: खान विभाग की ओर से अवैध खनन और परिवहन के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन राजधानी जयपुर के नजदीक तुंगा के ग्राम पृथ्वीपुरा में खनन कंपनियां हावी हो रही हैं. यहां स्थानीय ग्रामीणों के विरोध के बावजूद चारागाह भूमि पर अवैध रूप से अतिक्रमण किया जा रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि कुछ कंपनियां यहां से अवैध रूप से खनन और परिवहन कर रही हैं. ऐसे में अब कोर्ट ने इस अवैध खनन और परिवहन पर अंकुश लगाने का फैसला सुनाया है. 


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ग्रामीणों ने किया अवैध खनन और परिवहन का विरोध 
दरअसल, पृथ्वीपुरा गांव के पहाड़ी क्षेत्र में एक खान संचालित की जा रही है. खान से निकलने वाले पत्थर के परिवहन के लिए ट्रकों का संचालन चारागाह भूमि से किया जा रहा है. इसे लेकर खान संचालक ने चारागाह भूमि में गिट्टी और बजरी डालकर सड़क बनाने का प्रयास भी किया था. स्थानीय ग्रामीणों की ओर से चारागाह भूमि में किए जा रहे अवैध खनन और परिवहन को लेकर लगातार विरोध किया जा रहा है. 


चारागाह भूमि पर तार फेंसिंग कराने के आदेश 
जानकारी के अनुसार, स्टोन क्रेशर प्लांट प्रोविंस इंफ्राटेक और सुगन कंस्ट्रक्शन द्वारा यहां अवैध गतिविधियां की जा रही थी. इसके बाद ग्रामीणों ने न्यायालय में भी याचिका लगाई थी. अब न्यायालय ने ग्रामीणों के हित में फैसला सुनाते हुए चारागाह भूमि से वाहनों के अवैध निकलने पर रोक लगा दी है. बता दें कि प्रार्थी सुखलाल महावर और अन्य की याचिका पर कोर्ट ने आदेश दिया है कि चारागाह भूमि से वाहनों का अवैध परिवहन रोका जाए. 42 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर खनन कर्ताओं को रोकने के आदेश दिए हैं. वहीं, कोर्ट ने चारागाह भूमि का केवल पशु चराने में उपभोग करने की अनुमति दी है. साथ ही ग्राम न्यायालय बस्सी के न्यायाधिकारी आशीष जयपाल ने तहसीलदार को चारागाह भूमि पर तार फेंसिंग कराने के भी आदेश दिए हैं, जिससे यहां से अवैध खनन का परिवहन रोका जा सके. 


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