Jaipur news: जयपुर में मोती डूंगरी  गणेशजी मंदिर में मंगलवार को पुष्य नक्षत्र में प्रथम पूज्य गणपति का पंचामृत  से अभिषेक किया गया. इसके बाद अथर्वशीर्ष मंत्रोच्चार से लंबोदर को मोदक अर्पित किए गए. इसके साथ ही गणेशजी महाराज को सिंदूरी चोला धारण कराकर नवीन पोशाक धारण कराई गई. इसके अलावा मंदिरों में गणपति अष्टोशतरशत नाम के पाठ किए गए. मोती डूंगरी गणेशजी मंदिर में गणेशजी महाराज का पुष्याभिषेक किया गया.सर्वप्रथम शुद्ध जल से फिर दूध, दही, घी, बूरा से तैयार पंचामृत से गजानन का अभिषेक किया गया. गंगाजल से स्नान कराकर नवीन पोशाक धारण कराई गई. इस दौरान मंदिर में भक्तों की भीड़ रही.


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फूल बंगले में किया विराजमान
मंदिर में पंचामृत  से अभिषेक होने के बाद  गणेशजी महाराज के जयकारें मंदिर को प्रांगण में गूंजते रहे.  इसके बाद गणेशजी महाराज को फूल बंगले में विराजमान किया गया.सूरजपोल के श्वेत सिद्धी विनायक गणेश मंदिर में महंत मोहन लाल शर्मा के सान्निध्य में गणेशजी महाराज का दुग्धाभिषेक किया गया.पुष्य नक्षत्र की पूजा की गई.इसके बाद मूंग की दाल से बने लड्डुओं का भोग लगाया गया...ब्रह्मपुरी माऊंट रोड स्थित दाहिनी सूंड वाले श्रीनहर के गणेशजी महाराज मंदिर में महंत पं. जय शर्मा के सान्निध्य में कल सुबह 6.15 बजे पुष्य अभिषेक किया जाएगा. श्री गणपति अथर्वशीर्ष और श्री गणपति अष्टोत्तरशत नामावली से गणेशजी का पंचामृत अभिषेक किया जाएगा.


क्या है पुष्य नक्षत्र
पुष्य ऊर्जा-शक्ति प्रदान करने वाला नक्षत्र है. इस शब्द के ही अनुसार ये नक्षत्र सौभाग्य, समृद्धि और सुख के साथ पोषण करने वाला माना गया है. कुछ वैदिक ज्योतिषियों द्वारा पुष्य को तिष्य नक्षत्र भी कहा गया है. तिष्य शब्द का अर्थ है शुभ होना तथा यह अर्थ भी पुष्य नक्षत्र को शुभता ही प्रदान करता है.


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