जयपुर: राजस्व सेवा परिषद ने बिना वजह कर्मचारियों के निलंबन पर जताई नाराजगी, रोक लगाने की उठाई मांग
Jaipur News: राजस्व सेवा परिषद ने बिना वजह कर्मचारियों के निलंबन, एपीओ और अनुशासनात्मक कार्रवाई को लेकर नाराजगी जताते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ज्ञापन भेजा है और इस तरह के मामलों पर रोक लगाने की मांग की है.
Jaipur News: राजस्व सेवा परिषद के कर्मचारियों के बिना वजह निलंबन, एपीओ और अनुशासनात्मक कार्रवाई को लेकर राजस्व सेवा परिषद ने नाराजगी जताई है. उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ज्ञापन भेजकर ऐसे मामलों पर रोक लगाने की मांग की है. राजस्व सेवा परिषद के प्रदेश अध्यक्ष विमलेंद्र राणावत ने कहा कि प्रदेश में किसी भी घटना के डैमेज कंट्रोल को लेकर सरकार के इशारों या कलेक्टर की ओर से बिना वजह बिना जांच के राजस्व सेवा परिषद के कर्मचारियों का निलंबन, एपीओ, नोटिस देने जैसी कार्रवाई की जाती है, ऐसे मामलों से उनके काम पर फर्क पड़ता है.
राजस्व सेवा परिषद ने गिनाए उदाहरण
1. सीकर जिले के खंडे़ला उपखंड अधिकारी राकेश कुमार को अकारण दबाववश निलंबन किया गया
2. सीकर जिल में दातारामगढ़ उपखंड़ अधिकारी और तहसीलदार को खाटूश्याम मंदिर भगदड़ में डेमेज कंट्रोल के लिए निलंबित कर दिया गया.
3. डूगरपुर के सागवाड़ा तहसीलदार मयूर शर्मा को बिना प्राथमिक जांच के डेमेज कंट्रोल के लिए निलंबित किया गया.
4. अलवर में उपखंड़ अधिकारी प्यारेलाल सोठ और तहसीलदार कमल पचौरी को बिना किसी प्राथमिक जांच के डैमेज कंट्रोल के लिए निलंबित कर दिया गया.
5. राजसंमद जिले के देवगढ़ तहसीलदार मुकनसिंह को आबादी क्षेत्र के सिविल न्यायिक वाद में हुई अप्रिय घटना पर जिला कलेक्टर राजसमंद द्वारा अकारण ही निलम्बन हेतु 16 सी. सी.ए की कार्रवाई प्रस्तावित कर दी गई.
राणावत ने कहा कि ऐसा पिछले कई मामलों में देखने में आया है कि सरकार द्वारा या जिला कलेक्टर द्वारा अप्रिय घटनाओं के डेमेज कंट्रोल के लिए दबाववश हमारे प्रतिबद्ध राजस्व अधिकारियों को एपीओ/ निलंबन/अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रस्तावित कर दी जाती है, जिससे हमारी राजस्व सेवा अधिकारियों का प्रतिबद्धता, सप्रभूता, पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
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आम जनता के सामने संबंधित अधिकारी के साथ-साथ सम्पूर्ण राजस्व सेवा संवर्ग की नकारात्मक छवि बनती है. उन्होंने सीएम से ऐसे मामलों में संज्ञान लेने का आग्रह किया, जिससे अधिकारियों को अकारण मानसिक संताप और मीडिया/सार्वजनिक ट्रायल से नहीं गुजरना पड़े और सम्पूर्ण राजस्व सेवा संवर्ग की सकारत्मक प्रभावित न हो.
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