Jaipur: समधन होने के नाते वसुंधरा राजे ने गुर्जर समाज से मांगा यह नेग, खूब मिला समर्थन
राजस्थान में झालावाड़ के कांकरिया गांव में गुर्जर समाज का सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित किया गया था. विवाह सम्मेलन में गीत गा रही महिलाओं ने वसुंधरा राजे से उनके बीच आने का आग्रह किया. राजे उनका आग्रह नहीं टाल सकी.
Jaipur News: पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का आज अनूठा और अलग अंदाज नजर आया. राजे गुर्जर समाज के सामूहिक विवाह सम्मेलन में पारम्परिक गीत गा रही गुर्जर महिलाओं के बीच जा बैठी. इतना ही नहीं, पूर्व मुख्यमंत्री ने महिलाओं के साथ ब्याण का रिश्ता भी निभाया.
दरअसल झालावाड़ के कांकरिया गांव में गुर्जर समाज का सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित किया गया था. विवाह सम्मेलन में गीत गा रही महिलाओं ने वसुंधरा राजे से उनके बीच आने का आग्रह किया. राजे उनका आग्रह नहीं टाल सकी.
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गुर्जर समाज की महिलाओं ने भी उनका पारम्परिक गीत से स्वागत किया.’ सण की संटी सण म आगई, ब्याण वसुंधरा गुर्जरा न भा गई. कई ’गुर्जर महिलायें उनसे गले मिली और उन्हें नेग में मिलणी भी दी. वसुंधरा राजे ने भी नेग में गुर्जर महिलाओं को चूड़ियां पहनाई.
गुर्जरों ने किया समर्थन
इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री राजे ने भी अपना भाषण देव नारायण भगवान की जय के साथ शुरू किया. उन्होंने कहा कि गुर्जर समाज की समधन होने के नाते उन्हें समाज से नेग में कुछ चाहिये. समाज में जो भी व्याप्त कुरीतियां हैं, उन्हें त्यागने का वचन चाहिए. वहां उपस्थित गुर्जर समाज के लोगों ने हाथ खड़ा कर उनकी बात का समर्थन किया.
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उन्होंने कहा कि गुर्जर समाज के साथ उनका जो रिश्ता है, उसे कभी-कभी याद दिलाना पड़ता है. उन्होंने इशारों ही इशारों में कहा- दोनों तरफ़ रहने में फ़ायदा नहीं. जो साथ दे, उसके रहो.
सामूहिक विवाह सम्मेलन में भी भाग लिया
सांसद दुष्यंत सिंह ने कहा कि उनकी पत्नी और गुर्जर समाज की बेटी नीहारिका बीमार होने के कारण इस विवाह सम्मेलन में नहीं आ सकी. पूर्व विधायक प्रह्लाद गुंजल ने सामूहिक विवाह सम्मेलन के महत्व को बताया.इसके अलावा लोधा, मेहर और पाटीदार समाज के सामूहिक विवाह सम्मेलन में भी भाग लिया.